
भाजपा पार्षद कमलेश कालरा से विवाद के बाद चर्चाओं में आए भाजपा के ही पार्षद जीतू यादव (जाटव) उर्फ जितेंद्र कुमार पुत्र जगनलाल देवतवार का चुनावी शपथ पत्र सामने आया है। इसमें जीतू ने 11 में से 2 आपराधिक प्रकरणों की ही जानकारी दी है। ये दोनों केस 2017 और 2019 में दर्ज हुए थे। जीतू यादव ने यह शपथ पत्र पार्षद चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग को जमा किया था।
2017 में जीतू पर मारपीट, जान से मारने की धमकी देने के खिलाफ केस दर्ज किया था। जबकि 2019 में धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई थी। इन दो प्रकरणों के अलावा जीते ने शेष 9 प्रकरणों के बारे में कोई जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं दी। ये सभी 9 प्रकरण 1999 से 2015 के बीच दर्ज हुए हैं।
पुलिस का कहना है कि पार्षद बनने के बाद जीतू के खिलाफ कई शिकायतें आई हैं, लेकिन एक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस इन शिकायतों की जांच कर रही है। इन 11 प्रकरणों में से 10 परदेशीपुरा और एक संयोगितागंज थाने में दर्ज हुआ है। इनमें जुआ खेलना, सरकारी अफसरों को धमकाना, बलवा, हत्या के प्रयास, लूट के केस दर्ज हैं। पुलिस जीतू को बाउंड ओवर भी कर चुकी है। पुलिस का कहना है कि 1999 से 2019 के बीच जीतू को तीन बार गिरफ्तार किया जा चुका है।
6 साल के लिए किया है निष्कासित
जीतू यादव को भाजपा 6 साल के लिए निष्कासित कर चुकी है। शपथपत्र में कमाई का जरिए ब्रोकरेज बताई, संपत्ति 14 लाख मात्र वहीं जीतू ने अपनी सलाना कमाई 7.56 लाख रुपए बताई और पत्नी की 4.33 लाख रुपए बताई। उसने अपनी कमाई का जरिया ब्रोकरेज शुल्क बताया है। वहीं कुल संपत्ति 14 लाख भी नहीं है।
उसने एक मकान 400 वर्गफीट का होना बताया है जो 12 लाख रुपए का है। वहीं, चल संपत्ति में इसके पास कुल 1.85 लाख रुपए ही होना बताया गया। खुद के पास और पत्नी के पास कोई गहना, ज्वेलरी भी नहीं है। ना ही किसी अन्य तरह की महंगी चल और अचल संपत्ति इसने शपथपत्र में बताई थी