/जहां एक और सरकारों द्वारा नदियों की साफ सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी दशा नहीं बदल रही। ऐसे में श्रमदान दल के कार्यकर्ता कड़कती ठंड में सुबह से ही बेतवा नदी की सफाई में लग जाते हैं!शासन प्रशासन का सहयोग न के बराबर ही देखा जा रहा है!जिस बेतवा नदी को मां का दर्जा दिया गया है और पूजा अर्चना करने शहर के लोग पहुंचते हैं। वहीं बेतवा मां की गोद में कचरा डालकर आते हैं और बेतवा नदी को गंदा करते हैं!श्रमदान दल द्वारा जो मेहनत की जा रही है उससे हजारों कुंटल कचरा नदी के किनारे पर एकत्रित हो रहा है!नागरिकों द्वारा बेतवा नदी में धर्म के नाम पर कचरा विसर्जित किया जाता है।श्रमदान दल उसकी सफाई करके उसको बाहर निकलता है।लेकिन लोगों में जागरूकता दिखाई नहीं दे रही।