छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने डा. विमुक्ता शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कैंडल मार्च निकाला
पूर्व छात्र द्वारा पेट्रोल डालकर जला देने के बाद कालेज प्राचार्य डाक्टर विमुक्ता शर्मा की उपचार के दौरान मौत हो गई। शहर में यह एक ऐसी दर्दनाक घटना घटी है जिससे सारा देश सकते में आ गया है। इस घटना का सबसे अधिक असर स्टूडेंट और शिक्षकों पर हुआ है। इस दर्दनाक घटना के बाद शहर में जहां एक तरफ शोक का माहौल है, तो दूसरी तरफ लोगों में आक्रोश भी है।
इस घटना की निंदा करते हुए प्रेस्टीज शिक्षण समूह के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने डा. विमुक्ता शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रविवार शाम छह बजे मधुमिलन चौराहे से रीगल तिराहे तक मौन कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर कई लोग मौजूद रहे।
कैंडल मार्च के दौरान छात्रा अनघ ने कहा कि भारत एक पावन धरती है, जहां गुरू परंपरा चली आ रही है। यहां शिष्य अपने गुरु के चरणों में शिक्षा लेते थे। इस धरती पर इस तरह की घटना का घटित होना बेहद शर्मनाक है। इस तरह की घटना दोबारा न घटे इसलिए हम समाज में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। आज कैंडल मार्च निकालकर यह शुरुआत की गई है। आगे इसे बड़े पैमाने पर किया जाएगा। इस शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाले उस छात्र को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
प्रो. सतनाम आहूजा ने कहा कि हिंदुस्तान में गुरू और शिष्य के संबंध का सभी सम्मान करते हैं। इस संबंध को तोड़ते हुए छात्र ने जो किया है उसकी हम निंदा करते हैं। उस छात्र ने एक शिक्षक और एक नारी का अपमान किया है। हमारा प्रयास यहीं हैं कि विमुक्ता शर्मा के परिवार वालों को जल्द से जल्द न्याय मिले। उनके परिवार के लिए हम प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को दुखद समय को सहन करने की हिम्मत मिले। कैंडल मार्च के दौरान ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इस बात का सामूहिक संकल्प लिया गया।