
शहर में नदी नालों की सफाई में स्थायित्व नहीं दिखाई देता है। कान्ह व सरस्वती नदी भले ही साफ हो गई है लेकिन उनसे जुड़े कई नालों मे अब भी गंदगी व कचरा दिखाई दे रहा है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान नगर निगम द्वारा विशेष मुहिम चलाकर नालों की सफाई की गई लेकिन कई बस्तियों से जुड़े नालों में अब भी गंदगी दिखाई दे रही है।
बख्तावर राम नगर नाला, आजाद नगर के नाला सहित शहर में कई नाले ऐसे है जिनमें गंदे पानी के साथ कचरा भी दिखाई दे रहा है। नालों में लोग कचरा न फेंके, इस वजह से पुलों पर जालियां भी लगाई गई। इसके बाद भी हालत यह है कि घराें के पीछे बह रहे नालों में गंदगी व कचरा फेंकने की आदत लोग नहीं बदल रहे है। नगर निगम के अफसरों द्वारा पूर्व में सख्ती कर कचरा फेंकने वालों पर चालानी कार्रवाई भी की गई थी लेकिन अब सख्ती न होने के कारण फिर से नालों में गंदगी दिखाई देने लगी।
पूर्व में कृष्णपुरा छत्रियों के पास भी नालों की सफाई की गई थी लेकिन अब फिर से वहां पर गंदगी व कचरा दिखाई देने लगा है। गौरतलब है अगले तीन से चार बाद शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीमें आएगी। ऐसे में उसके पर निगम के अधिकारी सख्ती कर नालों की सफाई पर जोर देंगे लेकिन नाले वर्षभर साफ रहे इसकी कोई योजना नहीं बनाई जा रही है। नगर निगम हर वर्ष नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते है। इसके बाद भी हालात यह है कि नालों की सफाई के लिए निगम का हर बार मशक्कत करना पड़ती है।
मुहिम चलाकर नालों की होगी सफाई
नगर निगम के सीवरेज प्रोजेक्ट के इंजीनियर सुनील गुप्ता के मुताबिक शहर के कुछ हिस्सों में निगम द्वारा नालों की सफाई करवाई जा रही है। तंग बस्तियों के आसापस के नालों में अक्सर गंदा पानी व कचरा पहुंचने की समस्यां रहती है। उन बस्तियों में निगम कई बार जागरुकता अभियान भी चला चुका है और स्पाट फाइन की कार्रवाई भी की जा चुकी है। अब पुन: मुहिम चलाकर नालों की सफाई करवाई जाएगी। नालों में पोकलेन के माध्यम से गाद निकाली जाएगी।