40 से ज्यादा देशों में 18 से कम उम्र की आबादी का टीकाकरण शुरू हो चुका है। यूरोपीय देश सबसे आगे हैं। लेकिन, ब्रिटेन इसमें पिछड़ गया है। यही वहां संक्रमण की नई लहर का कारण बना। ब्रिटेन में रोज 40 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, जबकि यूरोप के अन्य देशों फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन आदि में संक्रमण कम है। इन देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन बेशक ब्रिटेन के बाद शुरू हुआ, लेकिन रफ्तार तेज होने की वजह से ये ब्रिटेन से आगे निकल गए हैं।
ब्रिटेन एकमात्र यूरोपीय देश है, जहां हफ्ते में प्रति 1 लाख आबादी 1000 बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन समेत अन्य देशों में यह दर 200 से कम है। ब्रिटेन में 15 साल से कम उम्र की 37% आबादी को एक डोज लगी है, जबकि स्पेन-फ्रांस में 65% से ज्यादा बच्चे पहली डोज लगवा चुके हैं। यही कारण है कि इन देशों में संक्रमण यूरोप में सबसे कम और ब्रिटेन में ज्यादा है। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने की दर ब्रिटेन में भी कम है।
नए मरीजों में 45% केस 19 साल से क्रम उम्र के मिल रहे
ब्रिटेन में सबसे चिंताजनक बात यह है कि नए मरीजों में 45% केस 19 साल से क्रम उम्र के मिल रहे हैं। राहत की बात यह है कि 80+ की आबादी सबसे कम संक्रमित हो रही है। इसकी वजह बूस्टर डोज माने जा रहे हैं।
बच्चों के लिए वैक्सीनेशन सेंटर तक नहीं बने
ब्रिटेन में वैक्सीनेशन प्रोग्राम के पूर्व प्रमुख डेविड सलिस्बरी कहते हैं कि यहां बच्चों के लिए वैक्सीनेशन सेंटर तक नहीं बने हैं। ये सब सरकार को सुनिश्चित करना था, लेकिन इसका पूरा जिम्मा अभिभावकों पर छोड़ दिया गया है।
बच्चों के वैक्सीनेशन की साफ नीति नहीं बनी
इम्पीरियल कॉलेज लंदन में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के चीफ प्रो. अजीम मजीद कहते हैं कि ब्रिटेन में अभी तक बच्चों के वैक्सीनेशन की स्पष्ट नीति नहीं बनी। वैक्सीन डिलीवरी अनियमित है। इसलिए, ब्रिटेन पिछड़ गया है।