
जल्द ही आपको ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) बनवाने के लिए RTO पर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नए नियम का नोटिफिकेशन जारी किया है।
इसके तहत मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर्स पर सफलता पूर्वक ट्रेनिंग लेने वाले उम्मीदवारों को DL हासिल करते समय फिर से ड्राइविंग टेस्ट (driving licence test) नहीं देना होगा, उन्हें इससे छूट होगी। हालांकि आपको सेंटर पर ट्रेनिंग पूरी करने के बाद टेस्ट पास करना होगा, जिसे ऑडिट के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा।
1 जुलाई से लागू होंगे नियम
मंत्रालय ने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए अनिवार्य नियम अधिसूचित कर दिए हैं। ये नियम एक जुलाई, 2021 से लागू होंगे। इन सेंटर्स पर दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों को पर्याप्त ट्रेनिंग और जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
इन सेंटर्स पर होने वाली परीक्षा को सफलापूर्वक पास करने वाले अभ्यर्थियों को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) पर ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) के लिए होने वाला ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।
5 साल बाद कराना होगा रिन्यू
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस प्रकार के मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर्स से गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) पाने में मदद मिलेगी।
नोटिफिकेशन के अनुसार, मान्यता प्राप्त केंद्रों द्वारा दी गई मान्यता पांच साल के लिए लागू रहेगी और इसे रिन्यू किया जा सकेगा। हल्के मोटर वाहन चालक ड्राइविंग कोर्स की अवधि अधिकतम चार सप्ताह में 29 घंटे की होगी।
कोर्स को थ्योरी और प्रैक्टिस दो कैटेगरी में बांटा जाएगा। मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि छह सप्ताह में 38 घंटे की होगी। इस दौरान चालकों को सड़क पर दूसरे वाहन चालकों के साथ बेहतर व्यवहार और अनुशासन के बारे में जरूरी बातें भी पढ़ाई जायेंगी।