दूसरे लहर की कोरोना महामारी गांवों में तेजी से पांव पसार रही है, लेकिन सरकारी इंतजाम अभी भी धीमी गति से चल रहे हैं। यहां तक की ग्रामीणों के लिए प्रॉपर टेस्टिंग तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। टीम एक दिन जाने के बाद अगले एक सप्ताह तक नजर नहीं आती। जानकर हैरानी होगी कि फरीदाबाद के जिन दो गांवों ने प्रदेश को परिवहन और गृहमंत्री दिए। वहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं, लेकिन मंत्री अपने गांव तक नहीं पहुंच पाए। हम बात कर रहे हैं परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के गांव सदपुरा और पूर्व गृहमंत्री रहीं शारदा रानी के गांव कौराली की। इन दोनों वीआईपी गांवों में दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। दैनिक भास्कर संवाददाता भोला पांडेय ने इन दोनों गांवों की पड़ताल की। जो बातें सामने आयी वह परेशान करने वाली है।
परिवहन मंत्री का गांव सदपुरा
सेक्टर 12 जिला मुख्यालय से महज सात किमी दूर स्थित गांव सदपुरा की आबादी 2500 से अधिक है। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा इसी गांव से तालुक रखते हैं। गांव के रहने वाले कपिल वशिष्ठ, मुजेश शर्मा ने बताया कि डेढ़ महीने में गांव से करीब दर्जनभर से अधिक लेागों की मौत हो चुकी है। कोई घर ऐसा नहीं है। जहां लोग खांसी, बुखार और जुखाम से पीड़ित न हाें, लेकिन यहां आज तक टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। जागरूक लोग खुद अस्पताल जाकर अपना टेस्ट करा रहे। अधिकांश लोग आरएमपी डॉक्टर से दवा लेकर चुपके से घर में बैठ जा रहे। उनका कहना है कि पहले गांव में किसी की माैत हाेती थी तो सभी नेता भागकर आते थे, लेकिन अब जब महामारी फैल रही है और लोग मर रहे हैं ताे कोई चेहरा दिखाने तक नहीं आ रहा। इस दौरान मंत्री जी भी नहीं आए।
डेढ़ माह से बंद है वैक्सीनेशन
गांव के निवर्तमान सरपंच शिवकुमार कहते हैं कि डेढ़ माह में करीब 14-15 लोगों की माैत हो चुकी है। घरवालों के मुताबिक सभी बुखार आदि से पीड़ित थे। उनका कहना है कि 15 अप्रैल को खेड़ीकला स्वास्थ्य केंद्र से टीम आयी थी और कुछ लोगों काे वैक्सीन लगाया था। उसके बाद वैक्सीनेशन तक नहीं हो रहा है। टेस्ट कराने लाेग खुद जा रहे। स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर टू डोर कोई टेस्टिंग नहीं करा रहा।
रिटायर्ड लोग करा रहे सैनिटाइज
केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से रिटायर्ड अधिकारी व कर्मचारियों ने 11 सदस्यीय ग्राम विकास और स्वराज समिति बनाई है। ये लोग अपने पैसों से गांव को सैनिटाइज करा रहे हैं। समिति के प्रधान जय प्रकाश शर्मा, महासचिव प्रभु दयाल शर्मा ने बताया कि वह अपने पैसे खर्च कर गांव की गलियों में सैनिटाइज अभियान चला रहे। अभी प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला है।
पूर्व गृहमंत्री का गांव कौराली
जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर कौराली गांव पूर्व गृहमंत्री रहीं शारद रानी का गांव है। गांव के निवर्तमान सरपंच सुरेंदर सिंह, पूर्व ब्लॉक समिति मेंबर सतेंद्र सिंह, गांव निवासी खेमी ठाकुर ने बताया कि पिछले डेढ़ माह करीब 10-12 मौतें हो चुकी हैं। 25 से 30 फीसदी घरों में लोग बुखार व खांसी से बीमार हैं, लेकिन यहां आरटी-पीसीआर की टेस्टिंग तक नहीं हो पा रही। स्वास्थ्य विभाग रैपिड एंटीजन टेस्ट करा पल्ला झाड़ रहा है। बुधवाार को डीसी गांव का दौरा करके जरूर गए हैं। गांव को सैनिटाइज तक नहीं किया जा रहा। आज तक कोई राजनेता गांव में झांकने तक नहीं आया।
80 फीसदी लोगों को नहीं लगी वैक्सीन
सतेंद्र सिंह ने बताया कि कौराली स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी अभी तक करीब अस्सी फीसदी गांव में वैक्सीन नहीं लग पायी। 18 प्लस वालों कोा स्लॉट तक नहीं मिल रहा। मंत्रियों का जोर शहर में सिर्फ फोटो खिंचवाने में है। गांव की ओर कोई ध्यान नहीं है। किसी भी पार्टी का कोई नेता गांव में लोगों का हालचाल लेने नहीं पहुंचा। लोग भगवान भरोसे महामारी से जूझ रहे हैं।