
पाकिस्तान सरकार ने इजराइली हमले झेल रहे फिलीस्तीन को मदद देने का फैसला किया है। मंगलवार रात इमरान खान की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। इसमें यह तय किया गया कि पाकिस्तान सरकार कोविड संकट से घिरे फिलीस्तीनियों को मेडिकल एड यानी चिकित्सीय मदद देगी। मीटिंग के बाद इमरान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने यह ऐलान किया। इजराइल-फिलीस्तीन की ताजा जंग में अब तक करीब 220 लोग मारे जा चुके हैं। फिलीस्तीन संगठन हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन बताता है) इजराइल पर रॉकेट हमले कर रहा है। जवाब में इजराइली एयरफोर्स बम बरसा रही है।
इसके पहले, पाकिस्तान ने इजराइल के खिलाफ काफी बयानबाजी की और उससे फिलीस्तीन पर हमले रोकने को कहा। मंगलवार को ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी तुर्की पहुंचे। वे यहां राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्डोगन और वहां के विदेश मंत्री से मुलाकात करके इजराइल के खिलाफ रणनीति का खाका तैयार करेंगे।
कैबिनेट का फैसला
इमरान खान की कैबिनेट मीटिंग के बाद फवाद चौधरी ने मीडिया से कहा- फिलीस्तीन सिर्फ इजराइली हमलों से ही नहीं, बल्कि कोविड-19 से भी जूझ रहा है। पाकिस्तान सरकार ने उसकी मदद का फैसला किया है। हम मेडिकल इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाली जरूरी चीजें फिलीस्तीन भेज रहे हैं। कैबिनेट में इस बारे में प्रस्ताव लाया गया था। इस पर सभी की रजामंदी थी। उन्होंने कहा- फिलीस्तीन को लेकर हमारे नीति मोहम्मद अली जिन्ना के जमाने से एक ही है। मुस्लिम देश भी हमारे साथ हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्डोगन इस मामले में जो दिल में सोचते हैं, वही हमारे प्रधानमंत्री जुबान से बोलते हैं। शुक्रवार को हम फिलीस्तीन के समर्थन में एकता दिवस मनाएंगे।
तुर्की पहुंचे कुरैशी
एक तरफ जहां मुस्लिम देशों का संगठन ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्री’यानी OIC इस मामले पर सिर्फ बयान जारी कर रहा है, वहीं पाकिस्तान और तुर्की खासे एक्टिव नजर आ रहे हैं। इमरान ने विदेश मंत्री कुरैशी को तुर्की भेजा है। यहां वे कुछ और मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात कर इजराइल के खिलाफ रणनीति बनाएंगे। फिर ये सभी एक ही प्लेन से न्यूयॉर्क पहुंचेंगे। यहां संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के खिलाफ एक नया प्रस्ताव लाया जाएगा।
इस बीच एक खबर अमेरिका से भी आ रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार रात इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की। हालांकि, इसका ब्योरा नहीं मिल पाया है।
इजराइल की हर हरकत पर नजर
दूसरी तरफ, इजराइल मुस्लिम देशों में चल रही तमाम गतिविधियों पर नजर रख रहा है। ओआईसी में तो सिर्फ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था और इजराइल से फौरन हमले रोकने की मांग की गई थी। वहीं, पाकिस्तान और तुर्की इस मामले में काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। सोमवार को ही इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया था कि गाजा पट्टी पर हमले किसी भी सूरत में बंद नहीं किए जाएंगे कि हमास को खत्म करने के बाद ही अमन बहाली हो सकती है। दूसरी तरफ, इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वो तमाम डिप्लोमैटिक चीजों और कार्यवाहियों पर करीबी नजर रख रहा है।