मंदिरों में ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास प्रकट करने के लिए आराध्य पर पुष्प अर्पित किए जाते है..भावनाओं से जुड़े यह पुष्प अब रंगों की नवीन अभिव्यक्ति के साथ प्रकट होंगे.. दरअसल इंदौर नगर पालिका निगम ने जीरो वेस्ट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की दिशा में एक ओर कदम उठाया है…नगर निगम ने शहर के ग्यारह प्रमुख मंदिरों में अर्पित किए गए फूलों से होली के रंग तैयार करने का काम शुरू किया है…यह रंग पूरी तरीके से प्राकृतिक है और इसमें किसी भी तरह का हानिकारक केमिकल भी नहीं है …।
श्रद्धा से अर्पित किए पुष्प अब त्यौहारी उल्लास को रंग देंगे…जी हां इंदौर में सुरक्षित पर्व मनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया गया है…अपने नवाचार के कारण पहचान रखने वाला इंदौर नगर पालिका निगम स्वच्छता और बेहतर स्वास्थ्य के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए प्रयासरत है …अपने इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए नगर निगम ने फिर से कुछ ऐसा किया है,जो आने वाले समय मे मिसाल कायम कर सकता है…दरअसल नगर निगम ने विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में एक खास प्लांट लगवाया है…इस प्लांट की मदद से भगवान को अर्पित होने वाले गेंदा और गुलाब के फूलों से न सिर्फ होली के रंग तैयार हो रहे है…बल्कि धूप बत्ती बनाने का काम भी जारी है..इस तरह के नवाचार की शुरुआत उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हो चुकी है,जिसे इंदौर ने भी आगे बढ़ाया है..इंदौर के ग्यारह प्रमुख मंदिरों में अर्पित होने वाले पुष्पों को पहले यहां लाकर सुखाया जाता है…फिर प्लांट की मदद से उन्हें पावडर का रूप दिया जाता है…इसके बाद इसमें हानिरहित रंगों का उपयोग कर एक बार फिर से पावडर की शक्ल दी जाती है ।
खास बात यह है कि इसके बाद तैयार होने वाला रंग हानिकारक नहीं होता..इसमें किसी भी तरह के ऐसे उत्पादों का उपयोग नहीं किया जाता,जो त्वचा के लिए हानिकारक हो…यानी पुष्पों से तैयार होने वाला यह आस्था का रंग त्यौहारी उल्लास को एक नया स्वरूप प्रदान कर सकता है ।
-नगर निगम और खजराना गणेश मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर परिसर ने दो स्टॉल भी लगाए है…जहां से उपभोक्ता इन उत्पादों का क्रय कर सकते है।