भू माफियाओं के खिलाफ चल रही जंग में अब अदालत भी अनुकरणीय पहल कर रही है , इंदौर हाई कोर्ट ने फिनिक्स इंफ्रा के पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए एक अभिनव पहल करते हुए अपने आदेश में एसआईटी चीफ को कहा है कि वो 17 भूखंड पीड़ितो की रजिस्ट्री करवाएं और इसके लिए देपालपुर जेल में बंद आरोपी को जेल से बाहर लाकर रजिस्ट्री दफ्तर ले जाया जाए और रजिस्ट्री निष्पादित करवाएं , निसंदेह यह अपने आप में एक अनूठा और पीड़ितों को राहत पहुंचाने वाला फैसला है , जिससे प्रशासन की भू माफियाओं के खिलाफ चल रही जंग में भी मदद मिलेगी और अन्य पीड़ितों के लिए भी यह फैसला उदाहरण तो बनेगा ही वही लाभदायक भी साबित होगा , उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व निचली अदालत भी फरार भू माफिया लुहाड़िया को जमानत देने से इनकार ये कहते हुए कर चुकी है कि हत्या से भी संगीन जुर्म है आर्थिक अपराध .