इंदौर नगर निगम ने अक्टूबर के अंत तक 210 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। निगम अभी तक 192 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली ही कर पाया है, जो पिछले साल की तुलना में बहुत कम है। इंदौर नगर निगम के खाली पड़े खजाने को भरने के लिए राजस्व अमला धीरे धीरे एक्टिव मोड़ में आ रहा है। निगम एक तरफ स्वच्छता का पंच लगाने के लि जद्दोजहद करेगा तो दूसरी तरफ खजाना भरने के लिए राजस्व अमल दौड़ लगाता हुआ नजर आएगा। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश के बाद राजस्व अमले का वसूली अभियान सक्रिय होता दिखाई दे रहा है। राजस्व विभाग के अपर आयुक्त चेतन्य सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर से प्रॉपर्टी ओर जल कर में जो छूट मिलने वाली है उसकी बदौलत राजस्व पिछले साल की तुलना में इस महीने की तुलना में बढ़ोतरी है। लेकिन पूरे साल को देखेंगे तो अप्रैल ओर मई में राजस्व कम हुआ है, उसकी बदौलत पूर्व वर्ष से बहुत पीछे है। अभी 192 करोड़ का राजस्व कल तक प्राप्त हुआ। राजस्व विभाग के मुताबिक टोटल राजस्व बिल्डिंग परमिशन लाइसेंस, मार्केट, रेंटल, कचरा प्रबंधन शुल्क, वाटर, प्रॉपर्टी मिलाकर 191 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, केवल प्रापर्टी में अभी तक 128 करोड़ की वसूली, वाटर का 23 करोड़ 40 लाख प्राप्त हुआ। कचरा प्रबंधन शुल्क में 14 करोड़ 20 लाख प्राप्त हुआ। बिल्डिंग परमिशन ओर कालोनी लाइसेंस में पिछली बार की तुलना में बहुत कम हुआ, सिर्फ 16 करोड़ 50 लाख ही प्राप्त करे। इस तरह पिछले साल की तुलना में निगम अभी भी 110 करोड़ रुपए का राजस्व कम वसूल पाया है। इस महीने के आखिरी तक 210 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा हैं। नवंबर और दिसंबर में भी वसूली का अभियान चलेगा।बकायादारों को चिन्हित कर लिया है। लगातार बकायादारों को नोटिस देने की कार्रवाई और दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है