छिंदवाड़ा जिले की तहसील चांद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पिपरिया खाती में एक नया मामला सामने निकल कर आया जिसमें पाया गया कि एक अतिक्रमणकारी विनोद विश्वकर्मा का सरकारी जमीन में 10-15 सालों से कब्जा था विनोद विश्वकर्मा ने उस सरकारी जमीन को पिपरिया खाती के सरपंच पति डालचंद पाल को ढाई लाख रुपए में सरकारी जमीन बेच दी पिपरिया खाती ग्राम पंचायत के सरपंच पति द्वारा उस जमीन को खरीदे जाने पर सरपंच द्वारा सरकारी जमीन में कब्जा करने के उद्देश्य से फेंसिंग का काम चालू कर दिया गया जिसका पूरे गांव ने विरोध किया इस विरोध में पूरे गांव के 150 से 200 लोग इकट्ठे हो गए वाद विवाद की स्थिति खड़ी हो गई सभी लोगों ने सरपंच का विरोध करते हुए कहा कि यह आप गलत कर रहे हो यह उचित नहीं है यह गांव की उपयोग की जमीन है और यह सरकारी जमीन है इसे आप खरीद कैसे सकते हैं और सरकारी जमीन को बेचा नहीं जा सकता और न ही खरीदा जा सकता है साथ ही जब ग्राम पंचायत पिपरिया खाती के सरपंच से हमने कुछ प्रश्न किए बात करने की कोशिश की तो उन्होंने हमें अपनी बाइट लेने से मना कर दिया सरपंच ने कहा कि मैं यह काम अभी रोक देता हूं तथा यह फेंसिंग हटा देता हूं तथा यह जो लोहे के खंभे मेरे द्वारा बढ़ाए जा रहे थे फेंसिंग की जा रही थी उसे उखाड़ कर फेंक दूंगा लेकिन जब तक पूरे गांव के लोग जिन जिन ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है वो अपना कब्जा नहीं छोड़ेंगे तब तक मैं भी इस जमीन से अपना कब्जा नहीं छोडूंगा। इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ललित रघुवंशी ने सरकारी जमीन को बेचने वाले विनोद विश्वकर्मा से बात की तो उसका क्या कहना था?