
ग्रामीण अंचल में इन दिनों डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। कुछ लोगों को बुखार के साथ ही खून में प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत मिल रही है। ग्राम कोद में दो लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि करीब आठ से दस लोग बुखार की चपेट में है। इस प्रकार की स्थिति अंचल के कुछ गांवों में भी देखने को मिल रही है, किंतु कोरोना महामारी के डर से कई लोग उपचार के लिए अस्पताल में नहीं जाते हुए झोलाछाप से उपचार करवा रहे हैं। उधर, बीएमओ ने स्वास्थ्य टीम को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
कहीं-कहीं बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से पानी जमा है, जहां मच्छर पनप रहे हैं। नगर हो या गांव इस प्रकार की स्थिति कई जगह देखी जा सकती है। मच्छरों के पनपने से बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। इन दिनों कुछ लोग मौसमी बीमारी के साथ बुखार की चपेट में आ रहे है। इनमें जांच उपरांत कुछ लोगों के खून में प्लेटलेट्स में होने की रिपोर्ट भी आई है। कोरोना के डर से लोग शासकीय अस्पताल में नहीं पहुंचते हुए झोलाछापों से उपचार करवा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। हालांकि चिकित्सकों के मुताबिक खून में प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू के लक्षण नहीं है, लेकिन अधिक कमी होने पर डेंगू होने की संभावना जरूर रहती है। ग्राम कोद में पिछले एक पखवाड़े में दो लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनका उपचार धार एवं बड़नगर में किया जा रहा है। यदि समय रहते गांव में इस बीमारी की रोकथाम और बचाव पर ध्यान नहीं दिया गया, तो डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। बीएमओ डॉ. संदीप श्रीवास्तव ने बताया कोद में डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है। इसके लिए टीम को सर्वे करने के निर्देश दिए है। इस बीमारी से बचाव के लिए घरों के आसपास पानी जमा नहीं होना चाहिए और स्वच्छता का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है।
क्या है डेंगू बीमारी

डेंगू बुखार जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार कहा जाता है, यह एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। काटने के करीब तीन से चार दिनों के बाद व्यक्ति को बुखार आता है। बाद में संक्रमित व्यक्ति से जितने भी लोगों का मच्छर काटता है, उन्हें संक्रमित करता रहता है।