
जो काम कोई माई का लाल नही कर सकता था वह किया सूदन ने सड़क किनारे पड़ी अम्मा हो या बाबा सबकी आस था सूदन बीमार,एक्सीडेंट में लोगो को उठाना फिर उनकी सेवा करना यह नियम बन चुका था गरीबों का मसीहा जिसका एक भाई सुरजीतसिंह सूदन (पूर्व अन्नपूर्णा टी आई ) दूसरा हरप्रीत जो कैलाश जी रमेश भाई से जुड़ा था उसके बाद भी सेवा का जज़्बा सेल्यूट सूदन…नमन
इंदौर ने ईश्वर के रूप में एक मसीहा खो दिया जिसके अंग कटे फ़टे हो उसे उठाकर सेवा की इस मसीहा ने