
सांसद ने केंद्रीय दल के सामने तीन मांगे रखी
- इंदौर को आपदा ज़िला घोषित किया जाए
- किसानों को मुआवजा दिया जाए
- ऋण वसूली अगली फसल तक रोकी जाए
- सांसद शंकर लालवानी ने लोकसभा में उठाया था मुद्दा
- इंदौर और आसपास सोयाबीन की फसल बर्बाद होने का मुद्दा
- केंद्र सरकार ने भेजा अधिकारियों का दल
- सांसद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी लिखी चिट्ठी
सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर, मालवा और निमाड़ में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने और किसानों को राहत देने का मुद्दा उठाया था जिसके बाद केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इंदौर भेजा है। इस दल में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल है यानी केंद्र सरकार ने सांसद लालवानी के उठाए मुद्दे को बेहद गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।
अधिकारियों से सांसद शंकर लालवानी ने किसानों के साथ मुलाकात की और तीन प्रमुख मांगे रखी-
- इंदौर को आपदा ज़िला घोषित किया जाए
- किसानों को जल्द मुआवजा दिया जाए
- ऋण वसूली अगली फसल तक रोकी जाए
सांसद शंकर लालवानी ने अधिकारियों से कहा कि सोयाबीन, मुंग, उड़द, मिर्ची, कपास आदि फसलें नष्ट हुई है और किसानों को हुए नुकसान के बारे में बताया। सांसद लालवानी के साथ किसान मोर्चे के अध्यक्ष जीवनसिंह गहलोत भी मौजूद थे।
सांसद शंकर लालवानी ने अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा कि ‘मैंने ये मुद्दा लोकसभा में उठाया था और किसानों की स्थिति पूरे देश को बताई थी। मैं मा.प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और कृषिमंत्री मा.श्री नरेंद्र तोमर जी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इंदौर के किसानों को सहायता देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को यहां भेजा है।’
सांसद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर किसानों की स्थिति से अवगत करवाया है और राहत की मांग की है।
सांवेर, देपालपुर और अन्य क्षेत्रों के किसानों ने ये मुद्दा लोकसभा में उठाने के लिए सांसद शंकर लालवानी का धन्यवाद दिया है और भरोसा जताया कि उन्हें जल्द राहत मिलेगी।
इससे पहले केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों ने सांवेर और आसपास के कई क्षेत्रों में खेतों का दौरा कर किसानों से बात की। किसानों ने अधिकारियों को पीले मोजक और अतिवृष्टि से फसल को हुए नुकसान के बारे में बताया। केंद्रीय अधिकारियों का दल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात करेगा।