प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक और मानवता को शर्मशार कर देने वाली तस्वीर सामने आई हे.अस्पताल की मर्च्युरी में रखे शव कंकाल बनने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुवा था की जिम्मेदार अब एक नवजात का शव मर्चुरी में रखकर भूले।नवजात का शव पिछले ५ दिनों से मर्चुरी में रखा हे ना तो उसका पोस्टमार्टम हुवा और ना ही जिम्मेदारों ने उसकी कोई सूद ली.इस सरकारी अस्पातल ने अब लापरवाही की सारी हदे पार कर दी हे.
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की लापरवाही,,,पहले तो शव बना कंकाल,फिर नवजात बच्चे का शव रखकर भूले जिम्मेदार,नवजात के शव का वीडियो वाइरल होने के बाद अस्पताल में मचा हड़कंप,इसका जिम्मेदार आखिर कोन?जी हां हम बात कर रहे हे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय अस्पताल की जहा पहले तो मर्चुरी रूम में स्ट्रेचर पर रखा एक शव कंकाल में तब्दील हो गया, नरकंकाल मिलने के बाद प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है, वही अब इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. मानव अधिकार आयोग ने इंदौर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय अस्पताल के अधीक्षक को इस मामले में 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. ये मामला अभी जाँच में हे उसके बाद आज फिर एक नवजात बच्चे का शव पिछले पांच दिनों से अस्पताल की मर्चुरी में रखा हे जिम्मेदार बच्चे के शव को रखकर भूल गए और अभी तक उसका पोस्टमार्टम भी नहीं हुवा जबकि 24 घंटे में पोस्टमार्टम हो जाना किये था.बच्चे के शव का वीडियो वाइरल होने के बाद अस्पताल में जैसे हड़कंप सा मच गया.वही अस्पताल के जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।वीडियो वाइरल होने के बाद जांच करने पहुंची एसआईटी की टीम
पुरे मामले में इंदौर कमिश्नर के निर्देश पर एसआइजी की टीम ने किया एमवाय अस्पताल और मरचुरी रूम का दौरा किया ओर असिस्टेंट कमिश्नर रजनीश सिंह एसडीएम आलोक खरे नोडल अधिकारी अमित मालाकार एमवाय के कर्मचारियों से की पूछताछ के बाद मीडिया से बात करते हुए असिस्टेंट कमिश्नर रजनी सिंह ने मीडिया चर्चा में कहा 3 माह के नवजात शिशु का नहीं हो पाया पोस्टमार्टम स्टाफ की लापरवाही के चलते नहीं दी थी पुलिस को सूचना एसआईटी की टीम कल करेगी कमिश्नर पवन शर्मा को एम वाय अस्पताल की बंद लिफाफे में पुरे ममले की रिपोर्ट वही मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी 4 सप्ताह में जवाब मांगा है लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारों पर गाज गिरने कि उम्मीद भी किं जा रही है…
बाइट – रजनी सिंह,एसआईटी अधिकारी