लसूड़िया क्षेत्र निवा सी दुष्कर्म पीड़िता ने थाने में आरोपी पवन सांग्या निवासी नंदा नगर के विरुद्ध शादी का झांसा देकर पीड़िता को गर्भवती करने को लेकर प्रकरण दर्ज किया गया जो कि आरोपी पीड़िता को कई बार शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कर चुका था जिसके चलते पीड़िता गर्भवती हो गई जैसे ही पीड़िता को जुलाई में पता चला कि 6 सप्ताह का गर्भ ठहर गया है तो उसने तुरंत आरोपी से शादी को लेकर कहा लेकिन आरोपी ने बात को टालते हुए धीरे-धीरे पीड़िता से संबंध तोड़ लिया,जिसको लेकर पीड़िता ने थाने लसूडिया में आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराकर उचित कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद पीड़िता ने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में ईफाइल ओर वीडियो के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की और कोर्ट से मांग की है कि मेरे पेट में पल रहा 6 सप्ताह का गर्भ तत्कालीन समय पर वह दुष्कर्म से आधारित हुआ है और जिसे जन्म दूंगी तो यह अवैध संतान होगी जिसको लेकर समाज में हर कदम पर मुझे तरह तरह के सवालों के जवाब से गुजरना पड़ेगा साथ ही इस बच्चे के कारण मेरी भावी शादी पर भी खतरा होगा,इन सभी बातों को लेकर बच्चे का गर्भ गिराने की अनुमति दी जाए,,,, वही कोर्ट में लगाई गई याचिका के तर्क ओर बिंदुओं के आधार पर कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड सुपरिटेंडेंट अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि 5 विशेषज्ञों की बोर्ड समिति गठित की जाए और उस बोर्ड में एक महिला गायनोलॉजिस्ट को भी शामिल किया जाए जिससे पीड़िता का मेडिकल जांच से पता चल सके कि पीड़िता टर्मिनेशन के लिए जीवन सुरक्षित है या नही,,,, पूरी याचिका के तर्क को सुनते हुए हाईकोर्ट जस्टिस ने इस अंतर्गत मेडिकल अधीक्षक इंदौर को पीड़िता के 6 सप्ताह के गर्भ को समापन के लिए के हर संभव व्यवस्था करने के दिये दिशा निर्देश दिए।साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के भूर्ण के डी. एन. ए. को दर्ज करवाये गए अपराध में महत्त्पूर्ण साक्ष्य मानते हुए मेडिकल कॉलेज को डी. एन. ए. को संरक्षित करने के भी दिशा निर्देश भी दिए।
बाइट-कृष्ण कुमार कुन्हारे,पीड़िता के वकील