कोरोना काल मे जब कोई भी डॉक्टर या अस्पताल हाईरिस्क सर्जरी करने को तैयार नही है ऐसे में एम वाय अस्पताल के डॉक्टरों ने न सिर्फ जटिल ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया बल्कि मरीज को कैंसर जैसे खतरे से भी बचाया। डॉ अरविंद शुक्ला और उनकी टीम ने 12 किलो की गठान निकाली, इस तरह की गठान 10 लाख लोगों में से 20 को होती है ।
यह है खंडवा निवासी 59 वर्षीय शांता बाई, शांता बाई पिछले 11 माह से अपने पेट मे लगभग दो फुटबॉल के आकार की गठान को लेकर परेशान है। गठान के कारण शांता बाई गंभीर पेट दर्द और उल्टी की समस्या से जूझ रही है । शांताबाई के परिजन इलाज के लिए उन्हें बड़ौदा सहित अन्य शहरों में लेकर गए लेकिन कहीं कोरोना के कारण भर्ती नही किया गया तो कहीं डॉक्टर इस जटिल ऑपरेशन को करने का खतरा नही उठाना चाह रहे थे, जब शांता बाई को कहीं भी भर्ती नही किया गया तब एम वाय अस्पताल के डॉक्टरों ने इस चुनोती को स्वीकार किया। डॉ अरविंद शुक्ला और उनकी टीम ने सर्जरी के पूर्व सभी आवश्यक जांच कराने के साथ ही 6 यूनिट रक्त की व्यवस्था भी की क्योंकि ट्यूमर के आकार को देखते हुए सर्जरी के दौरान रक्तस्राव की संभावना थी । डॉ अरविंद के अनुसार यह ट्यूमर पेट, बड़ी आंत, किडनी सहित कई अंगों से चिपका हुआ था जिसे निकालना काफी जोखिम भरा था, जरा सी भी चूक मरीज की जान ले सकती थी । एम वाय अस्पताल में ही 20 से अधिक जूनियर डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो चुके है इसके बाद भी इस जटिल ऑपरेशन की चुनोती को स्वीकारने के सवाल पर डॉ अरविंद कहना है कि गरीब वर्ग के मरीज इस समय इलाज के लिए भटक रहे है, ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराए इसी भाव के साथ हमारी टीम ने यह सर्जरी की
बाइट डॉ अरविंद शुक्ला,सर्जन