- मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सिंधिया का दौरा अहम माना जा रहा है
- सिंधिया के सबसे करीबी और मंत्री तुलसी सिलावट सांवेर विधानसभा से भाजपा से चुनाव लड़ेंगे
भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इंदौर आए। यहां एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में सिंधिया ने कहा कि 15 महीनों की कांग्रेस सरकार में जो भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी मैंने देखी, ऐसी स्थिति राजनीतिक जीवन में पहले कभी नहीं देखने को मिली। हमारे साथियों ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अत्याचारी और दोगली सरकार के खिलाफ इस्तीफा दिया। मैंने और साथियों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ली। नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा त्रिमूर्ति के नेतृत्व में भारत का विकास सुनिश्चित है। देश की अखंडता और एकता उनके हाथों में सुरक्षित है।
सिंधिया ने कहा कि पूर्व की कमलनाथ सरकार में मैंने बार-बार जनता की आवाज को उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आने वाले उपचुनाव में जनता उन्हें सबक खिलाएगी। कुर्सी जाने की वजह से कांग्रेस छटपटा रही है, वे चाहते हैं कि कैसे भी हो कुर्सी उन्हें मिल जाए। सिंधिया ने कहा सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं…। हम केवल जनता के विश्वास पर खरा उतरना चाहते हैं। सिंधिया ने कहा कि मैं जनसेवक था, हूं और रहूंगा। कांग्रेस पार्टी द्वारा किए जा रहे निजी हमलों को लेकर कहा कि उनसे इसके अलावा कोई अपेक्षा नहीं है। मेरी दादी ने सत्य का रास्ता अपनाया था, पिताजी ने सत्य का झंडा उठाया, उसी के अनुरूप मैंने भी सत्य का झंडा उठाया है। मैं कांग्रेस के नेताओं का नहीं, बल्कि केवल जनता के प्रश्नों का जवाब दूंगा।
प्रधानमंत्री ने चीन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कश्मीर को भारत का अखंड अंग बनाने का एक ऐतिहासिक काम किया। जिस प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का भूमिपूजन किया, जिनसे चीन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया। वह प्रधानमंत्री देश के एक सौ 25 करोड़ लोगों के दिलों में राज कर रहा है। इसलिए कांग्रेस पूरी तरह से विफलता की ओर जा रही है। आलोचना और विरोध लोकतंत्र में बहुत जरूरी है। आलोचना यदि सकारात्मक हो तो उसे सुनकर अपनाना चाहिए। सिंधिया ने कहा कि कर्ज माफी हो, कन्यादान हो.. जैसे हमारे अनेक मुद्दों पर शिवराज सरकार जरूर काम करेगी।
सचिन की पीड़ा से मैं वाकिफ
राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर भी सिंधिया ने बात रखी। उन्होंने सचिन पायलट पर कहा- सचिन मेरे मित्र हैं जो पीड़ा उन्होंने उठाई है, उससे सब वाकिफ हैं। कांग्रेस घर को बनाने की इतने देर बाद कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस में काबिलियत पर प्रश्न चलाया जाता है। यह बहुत दुख की बात है और मेरे सहभागी के साथ भी यही हुआ है। इससे पहले इंदौर एयरपोर्ट पर सिंधिया का स्वागत शिवराज सरकार की मंत्री ऊषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने किया। सिंधिया एयरपोर्ट पर ही कुछ देर रुके। इसके बाद कार्यक्रमों में शामिल होने उज्जैन के लिए रवाना हो गए। उज्जैन से लौटकर वे पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय समेत कई भाजपा नेताओं से मिलेंगे।
रूठों को मनाने की तैयारी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का दौरा मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हो रहा है। सिंधिया का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सांवेर से उनके सबसे करीबी तुलसी सिलावट इस बार भाजपा की ओर से प्रत्याशी हैं, क्योंकि सिलावट भी कांग्रेस से विधायकी और मंत्री पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। सिलावट अभी शिवराज सरकार में मंत्री हैं और इस पद पर बने रहने के लिए उनका चुनाव जीतना जरूरी है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के कई नेता पार्टी के इस निर्णय से नाखुश हैं। सिंधिया इनमें से ज्यादातर नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।
सिंधिया समर्थकों को पूरी तरह स्वीकार नहीं कर पाए हैं स्थानीय कार्यकर्ता
मप्र विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए सिंधिया का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद उनके कई समर्थक भी कांग्रेस से भाजपा में आ गए हैं। जो उपचुनाव में भाजपा की तरफ से टिकट के दावेदार हैं। इसमें सांवेर विधानसभा से तुलसी सिलावट भी शामिल है। वैसे तो भाजपा के बड़े नेता सिंधिया समर्थकों को अपना बताते हुए उनका साथ देने की बात कह रहे हैं लेकिन वे इन नए-नए भाजपाइयों को पूरी तरह से स्वीकार करने में अब भी हिचकिचा रहे हैं।
भाजपा के खिलाफ प्रचार करने वाले अब भाजपा में
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-2 में अब तक जो नेता कांग्रेस का झंडा उठाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार करते थे उनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थक नेता अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। लेकिन स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इन्हें स्वीकारने में हिचक रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रमेश मेंदोला को टक्कर देने वाले मोहन सेंगर अब खुद भाजपाई हो गए है।