स्वतंत्रता दिवस की 73वीं सालगिरह पर वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने दिल्ली में आज अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया.
पीएम मोदी ने कहा कि 10 दिन पूर्व अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था. रामजन्मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है. देश के लोगों ने जिस संयम के साथ आचरण किया है और व्यवहार किया है यह अभूतपूर्व है और भविष्य के लिए हमारे लिए प्रेरणा का कारण है.
पीएम मोदी के संबोधन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, विश्व कल्याण के लिए आत्मनिर्भर भारत ज़रूरी है. विश्व में भारत की भूमिका और योगदान प्रभावी हो यह संकल्प हम सभी भारतीयों को लेना चाहिये. आज प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि देश में वो कौशल और सामर्थ्य है जिसके बल पर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति दे सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे. आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है. वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है.प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी Policies, हमारे Process, हमारे Products, सब कुछ Best होना चाहिए, सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. तभी हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे. आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है. इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ना है. वर्ष 2022, हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व, अब बस आ ही गया है.
PM मोदी ने कहा कि बीते वर्ष मैंने यहीं लाल किले से कहा था कि पिछले पांच साल देश की अपेक्षाओं के लिए थे, और आने वाले पांच साल देश की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होंगे. बीते एक साल में ही देश ने ऐसे अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिए, अनेकों महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए.
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है. भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है. देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है. हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है.
PM ने कहा कि आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं. जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है. कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हमारे पूर्व के ASEAN देश, जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं. इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है. बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं.
पीएम ने कहा, हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे ज़मीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं. दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है. हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं. इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि LOC से लेकर LAC तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसका उसी भाषा में जवाब दिया है. भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है. इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है.
मोदी ने कहा, आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है. ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन. नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा. आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक Health ID में समाहित होगी.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं. जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर Production की भी तैयारी है.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के समय में हमने देख लिया है कि डिजिटल भारत अभियान की क्या भूमिका रही है. अभी पिछले महीने ही करीब-करीब 3 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन अकेले BHIM UPI से हुआ है. साल 2014 से पहले देश की सिर्फ 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिल फाइबर से जुड़ी थीं. बीते पांच साल में देश में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले एक हजार दिन में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा. आने वाले 1000 दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा.
नरेंद्र मोदी ने कहा, इसी लाल किले से पिछले वर्ष मैंने जल जीवन मिशन का ऐलान किया था. आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ने में सफलता मिल रही है. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग से निकले प्रोफेशनल्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाते हैं. मध्यम वर्ग को अवसर चाहिए, मध्यम वर्ग को सरकारी दखलअंदाजी से मुक्ति चाहिए.
पीएम ने कहा कि विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं. ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, रोजगार के बेहतर अवसर मिलें. उन्होंने कहा कि देश के किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कुछ दिन पहले ही एक लाख करोड़ रुपए का ‘एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड’ बनाया गया है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि 7 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतना सारा काम, बिना किसी लीकेज के हो जाएगा, गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा. अपने इन साथियों को अपने गांव में ही रोजगार देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है.
मोदी ने कहा, अब Infrastructure में Silos को खत्म करने का युग आ गया है. इसके लिए पूरे देश को Multi-Modal Connectivity Infrastructure से जोड़ने की एक बहुत बड़ी योजना तैयार की गई है. मेरे प्यारे देशवासियों, हमारे यहां कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्. किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस पर देश 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के लगभग 7 हजार प्रोजेक्ट्स को identify भी किया जा चुका है. ये एक तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नई क्रांति की तरह होगा.
पीएम ने कहा, आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं. हमें Make in India के साथ-साथ Make for World के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है. भारत को आधुनिकता की तरफ, तेज गति से ले जाने के लिए, देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा देने की जरूरत है. ये जरूरत National Infrastructure Pipeline Project से पूरी होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा. एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी. तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे. आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं.
मोदी ने कहा, गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो. उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई. भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.
प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि 130 करोड़ देशवासियों की इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति हमें कोरोना पर भी विजय दिलाएगी. उन्होंने कहा कि आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है. ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है. अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे. तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के लिए समर्पण है. आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने का ये पर्व है.
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया है. आज देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इस कोरोना संकटकाल में आजादी की 73वीं सालगिरह का जश्न देखते ही बन रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी जब लाल किले के लाहौरी गेट पर पहुंचे तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया. इसके बाद पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर पहुंच गए हैं. थोड़ी देर में वो लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे. पीएम मोदी आजादी की सालगिरह पर सातवीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूर्ण करने का संकल्प लें और भारत में निर्मित स्वदेशी चीजों का अधिक से अधिक उपयोग कर देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अपना सर्वोच्च योगदान दें. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट पर पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी लाल किले के लिए रवाना हो गए हैं. थोड़ी देर में वो लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत लाल किले पर पहुंच गए हैं.
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं. पीएम ने ट्वीट किया, ”स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. जय हिंद!”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. उन्होंने कहा कि “हम अपने वास्तविक अर्थ में स्वतंत्रता तब प्राप्त करेंगे जब भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा. इसलिए आज हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेने की आवश्यकता है.”
रक्षा मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. कार्यक्रम के दौरान, कोविड-19 परिदृश्य से संबंधित सावधानियों और राष्ट्रीय समारोह की शुचिता एवं गरिमा के बीच संतुलन बनाए रखने की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है. निर्बाध आवाजाही और भीड़ को कम रखने की व्यवस्था के अंतर्गत उचित दूरी पर बैठने और आने-आने की सुविधा के लिए लकड़ी के फर्श को गलीचों से ढका गया है. सभी आमंत्रित अतिथियों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित करने और लोगों को कतार मे खड़े रहने से बचाने के लिए अतिरिक्त मेटल डिटेक्टरों वाले मार्गो की पर्याप्त दूरी के साथ व्यवस्था की गई है. वाहनों के प्रवेश और निकास को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए अधिकांश पार्किंग क्षेत्रों को ईंट से ढंकते हुए पक्का किया गया है.
प्रधानमंत्री ठीक 7.30 बजे क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे जिसके बाद उनका भाषण शुरू होगा. लालक़िले की प्राचीर पर जहां ध्वजारोहण करने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित करते हैं उसके दोनों तरफ़ हर साल क़रीब 800 विशिष्ट मेहमानों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जाती हैं. इनमें केंद्र सरकार के मंत्री, चीफ जस्टिस और सभी देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के अलावा केंद्र और दिल्ली सरकार के चुनिंदा अधिकारी शामिल होते हैं. कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों के चलते इस बार भाषण मंच के दोनों तरफ़ केवल 100-125 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.