‘भारत में सेवाएं देने वाली सभी मोबाइल ऐप को देश के डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए’.
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए ये सबसे सही समय है कि वे देश-दुनिया के लिए प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करें.
सरकार ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध उनके देश की सुरक्षा, अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक होने के आधार पर लगाया है. कांत ने कहा, ‘देश में काम करने वाली सभी ऐप को भारत के डेटा प्रमाणिकता, निजता, संप्रभुता और पारदर्शिता नियमों का पालन करना चाहिए.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘उन्हें (ऐप को) डेटा के उद्गम और उसके अंतिम पड़ाव के बारे में पारदर्शी होना चाहिए. भारत को डेटा के मामले में संप्रभु देश होना चाहिए. ये महत्वपूर्ण है. जिन ऐप के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे जीवनशैली से जुड़े ऐप हैं.’ कई ट्वीट की श्रृंखला में उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए ये सबसे सही समय है कि वे देश-दुनिया के लिए प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करें.
All Apps released in India must adhere to India’s data integrity, privacy, sovereignty and transparency. They must be transparent in origin & final destination of data. India has to be a data sovereign country. This is critical. Apps against whom action taken are lifestyle apps.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) June 30, 2020
उन्होंने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप का उदाहरण देते हुए कहा कि यह देश के लिए देश में बना प्रौद्योगिकी नवोन्मेष का अनूठा उदाहरण है. इसका उपयोग लाखों भारतीय कर रहे हैं. आरोग्य सेतु ऐप को कोरोना-19 महामारी के दौरान लोगों के संपर्कों पर निगरानी के लिए विकसित किया गया है.
लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन में तनाव के बीच सरकार ने सोमवार को 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मामलें में कार्रवाई करते हुए कहा के इन ऐप के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं कि ये भारत के डाटा को गुपचुप तरीके से विदेश के सर्वर में पहुंचाते थे. सरकार ने इन ऐप की इस तरह की गतिविधियों को देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ माना है.
First published: July 1, 2020, 8:40 AM IST