प्रतिबंध कैसे लागू किया जाएगा?
इन ऐप को ब्लॉक करने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिए जाएंगे, जिसके लिए जल्द उन्हें नोटिफिकेशन भेजने की उम्मीद की जा रही है. यूज़र्स को जल्द ही एक मैसेज देखने की मिल सकता है, जिसमें कहा जाएगा कि सरकार के अनुरोध पर ऐप्स के एक्सेस पर बैन है.
हालांकि, जबकि ये किसी भी ऐक्शन के लिए लाइव फीड की ज़रूरत वाले टिकटॉक और UC न्यूज़ जैसे ऐप को प्रभावित करेगा, यूज़र्स अभी भी उन ऐप का इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं जिन्हें यूज़ करने के लिए एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत नहीं पड़ती है. लेकिन आने वाले समय में कैमस्कैनर जैसी ऐप के डाउनलोड नंबर को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर से हटाया जा सकता है.बैन का क्या होगा असर?
बैन हुई लिस्ट में कुछ ऐप भारत में बहुत पॉपुलर हैं, खासतौर पर टिकटॉक की बात करें तो इसके देश में 100 मिलियन से ज़्यादा एक्टिव यूज़र्स हैं. इसके अलावा नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे हेलो, लाइक और वीडियो चैट ऐप बिगो लाइव भारतीयों के बीच बेहद पॉपुलर हैं.
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इसके अलावा इन प्लेटफार्म्स पर ज़्यादातर भारतीय क्रिएटर हैं, जिनमें से कई लोगों के लिए ये आय का एकमात्र स्रोत है. इनमें से कई ऐप के भारत में ऑफिस और कर्मचारी हैं, और इससे कुछ हज़ार नौकरियां दांव पर हो सकती हैं.

ये है बैन हुई 59 ऐप्स की लिस्ट.
भारत की कार्रवाई का कानूनी आधार क्या है?
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (IT Act) की धारा-69A और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉर्मेशन बाई पब्लिक) रूल्स 2009 के संबंधित प्रावधान उसे विदेशी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की शक्तियां प्रदान करता है.
बता दें कि केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, ये ऐप्स ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं, जो भारत की रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है. केंद्र ने कहा कि इन ऐप्स का मोबाइल और नॉन-मोबाइल बेस्ड इंटरनेट डिवाइसेज में भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि उसे कई सोर्सेज़ से मिली शिकायतों में एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग की रिपोर्ट शामिल हैं. इनमें कहा गया है कि ये ऐप यूज़र्स का डेटा चुराकर भारत के बाहर मौजूद सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों की ओर से इन आंकड़ों को इकट्ठा करना, इनकी जांच-पड़ताल व प्रोफाइलिंग भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है. इसे रोकने के लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत थी. वहीं, गृह मंत्रालय के तहत आने वाले साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी.
क्या प्रतिबंध स्थायी होगा?
पिछले साल कुछ दिनों के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर भारत में टिकटोक पर बैन लगा दिया गया था, लेकिन अदालत द्वारा प्रतिबंध हटाने के तुरंत बाद ये वापस आ गया. हालांकि ये कार्रवाई अधिक व्यापक है, अधिक एप्लिकेशन को प्रभावित करती है, और इसे एक विशिष्ट रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा संदर्भ में लिया गया है. यह भारत में बड़े चीनी व्यवसायों और खुद चीन के लिए एक चेतावनी हो सकती है.