सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि Google Pay ऐप को बैन कर दिया गया है.
गूगल पे ने स्पष्ट करते हुए बताया कि गूगल पे एक थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर (टीपीएपी) की तरह है, जो कि दूसरों की तरह ही बैंकिंग पार्टनर्स और एनपीसीआई के यूपीआई ऑपरेशन के अधीन यूपीआई पेमेंट्स सर्विस भी प्रदान करती है.
कंपनी ने बयान में कहा, ‘हमने सोशल मीडिया पर चल रहीं कुछ बातें देखी हैं, जो कहती हैं कि Google पे के ज़रिए पैसे ट्रांसफर करना कानून द्वारा संरक्षित नहीं है, क्योंकि ऐप अनधिकृत है. हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि गूगल पे एक थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर (टीपीएपी) की तरह है, जो कि दूसरों की तरह ही बैंकिंग पार्टनर्स और एनपीसीआई के यूपीआई ऑपरेशन के अधीन यूपीआई पेमेंट्स सर्विस भी प्रदान करती है. किसी भी अधिकृत टीपीएपी का इस्तेमाल करके किए गए सभी लेनदेन पूरी तरह से सुधार प्रक्रियाओं द्वारा सुरक्षित हैं.
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इससे पहले गूगल पे ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित प्रक्रिया द्वारा उसके प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किए जाने वाले लेन-देन पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
Google Pay operates completely within the law. We work as a technology service provider to partner banks, to allow payments via UPI. UPI apps in the country are categorized as ‘third party apps’, and are not required to be ‘payment systems operators’.
— Google Pay India (@GooglePayIndia) June 24, 2020
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, Google पे प्लेटफ़ॉर्म से पैसे ट्रांसफर करते समय अगर कोई दिक्कत आती है तो उसका समाधान क़ानून द्वारा नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐप अनधिकृत है. लेकिन यह गलत है और इसकी सच्चाई को एनपीसीआई की वेबसाइट पर वेरीफाई किया जा सकता है. गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि आरबीआई ने इस तरह की कोई बात अदालत की सुनवाई में नहीं कही है.
जानकारी के लिए बता दें कि इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि गूगल पे एक तृतीय पक्ष ऐप प्रदाता है और किसी भी भुगतान प्रणाली को संचालित नहीं करता है. साथ ही आरबीआई के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि इसका संचालन 2007 के भुगतान और निपटान प्रणाली कानून का उल्लंघन नहीं है.
First published: June 27, 2020, 10:13 AM IST