सांसद शंकर लालवानी ने असंगठित कामगारों और शहरीय पथ व्यवसायी उत्थान योजना के पंजीयन कार्य का निरीक्षण किया। सांसद के साथ नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल एवं कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सांसद शंकर लालवानी कोरोना के मोर्चे पर लगातार सक्रिय है और अब लंबे लॉकडाउन के बाद उन्हें सड़क पर सामान बेचने वालों और असंगठित मजदूरों की चिंता सता रही है। भारत सरकार द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत ठेले पर सामान बेचने वालों को 10,000 रु की वर्किंग कैपिटल उपलब्ध करवाई जा रही है और इसका ब्याज भी भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार वहन करेगी। इस योजना के पंजीयन का निरीक्षण करने सांसद रणजीत हनुमान मंदिर के पास, द्रविड नगर के जोन कार्यालय पर पहुंचे। सांसद ने पंजीयन कार्य की पूरी प्रक्रिया को समझा और अधिकारियों को जल्दी कार्य करने एवं हितग्राहियों की समस्या जल्द सुलझाने के निर्देश दिए।
इंदौर में करीब 68,000 पथ विक्रेता और हाथ ठेला चालक पंजीकृत है। शहर के 19 जोन कार्यालयों एवं नगर निगम मुख्यालय पर इनके पंजीयन की व्यवस्था की गई है। एमपी ऑनलाइन पर भी पंजीयन करवाया जा सकता है। पंजीयन के लिए आधार कार्ड, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, समग्र आईडी एवं सेविंग खाते की पासबुक आवश्यक है।
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कोविड के कारण सड़क पर दुकान लगाने वाले, हाथ ठेले पर व्यवसाय चलाने वाले लोगों के सामने रोजगार का संकट है। उनके पास दोबारा काम शुरू करने के लिए पूंजी भी नहीं है इसलिए मा.प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इन्हें पुन: रोजगार से जोड़ने और स्थाई तौर पर आजीविका के साधन उपलब्ध करवाने के लिए ये योजना शुरू की है।
सांसद ने कहा कि उन्होंने इस योजना के पंजीयन केंद्र पर जाकर इसके जल्द क्रियान्वयन के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं ताकि व्यवसायी जल्द अपना काम शुरू कर पाएं।
सांसद ने वहां मौजूद कुछ पथ व्यवसायियों से बात भी की और लोगों ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद भी दिया। इस योजना की अवधि मार्च 2022 तक है और इसमें बिना धरोहर राशि के लोे मिलता है। इसमें प्री पेमेंट करने पर कोई पेनल्अी नहीं लगती और डिजीटल पेमेंट करने पर कैशबैक भी मिलता है।
इस योजना में जिन वेंडर्स को सर्टिफिकेट नहीं मिला है या जो निगम के सर्वे में छूट गए है, वे भी लोन के लिए पात्र होंगे। साथ ही, शहर के अलावा निकाय क्षेत्र में आने वाले सेमी अर्बन, ग्रामीण क्षेत्र के पथ विक्रेता भी इसमें शामिल किए जाएंगे।