ट्रंप ने सीधी चेतावनी भी दी कि ट्विटर की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी ने ट्विटर के इस प्रयोग की पूरी ज़िम्मेदारी ली. बहरहाल, ट्रंप और ट्विटर के बीच चल रही इस तनातनी के बहुत से पहलू हैं. कैसे दोनों के बीच जंग शुरू हो गई? ट्रंप से लोहा लेने वाले ट्विटर सीईओ जैक डॉर्सी (Jack Dorsey) के बारे में क्या जानने लायक है? साथ ही ये भी जानें कि ट्रंप बनाम ट्विटर जंग में फेसबुक की साख पर क्यों आंच आ रही है.

ट्रंप प्रशासन और खुद ट्रंप ट्विटर के खिलाफ गुस्से का इज़हार कर चुके हैं.
कैसे शुरू हुआ बवाल?नियमित रूप से ट्विटर का इस्तेमाल करने वाले ट्रंप के दो ट्वीट्स को बीते मंगलवार को ट्विटर ने झूठा दावा करने वाले ट्वीट के तौर पर चिह्नित किया. इस बारे में ट्विटर के एक प्रवक्ता के हवाले से खबरों में कहा गया कि ट्विटर ने पिछले महीने महामारी कोविड 19 से जुड़ी भ्रामक खबरों यानी फेक न्यूज़ पर काबू के लिए जो कुछ नियम बनाए थे, उन्हीं के तहत ये कदम उठाए गए.
क्या थे ट्रंप के ट्वीट्स?
जिन पर ट्विटर ने आपत्ति की, ट्रंप के वो दो ट्वीट ‘ईमेल के ज़रिये फर्ज़ी मतपत्रों का इस्तेमाल करने और चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी को बढ़ावा मिलने’ संबंधी दावे करते थे. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा था कि ये मतपत्र पेटियां बड़ा धोखा हैं. इन्हें लूटा जाएगा. मत पत्रों के साथ जालसाज़ी होगी और अवैध ढंग से प्रिंट निकालकर जाली दस्तखत किए जाएंगे. कैलिफोर्निया के गवर्नर लाखों लोगों को मतपत्र भेज रहे हैं.
ट्विटर ने कैसे किया ऐतराज़?
अपने फैक्ट चेक संबंधी नए नियमों के तहत ट्विटर ने ट्रंप के इन ट्वीट्स के नीचे नीले रंग के घेरे में एक विस्मयादिबोधक निशान बनाया और लिखा कि ‘मेल इन बैलेट्स के बारे में सही तथ्य जानें’. इस लिंक पर जैसे ही आप क्लिक करेंगे, आप इस दावे संबंधी एक रिपोर्ट पर पहुंचेंगे, जहां आप ट्रंप के दावे के बारे में पढ़ सकते हैं.

इस तरह ट्रंप के ट्वीट को झूठा दावा करार दिया गया. (देखिए नीले रंग में विस्मयादिबोधक निशान और फैक्ट चेक की सलाह)
‘काबिले-बर्दाश्त नहींं’, ट्रंप ने जताया गुस्सा
ट्रंप ने ट्विटर के इस कदम को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार देकर आरोप लगाया कि ट्विटर 2020 के अमेरिकी चुनाव में दखलंदाज़ी कर रहा है. उन्होंने अपने ट्वीट के पीछे कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर कहा कि उनका बयान गलत नहीं था.
ट्विटर पर लगाया सियासत का इल्ज़ाम
अपने ट्वीट पर सफाई देने के बाद अगले दिन ट्रंप ने ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद कर देने की धमकी दी. ये भी साफ कहा कि उनकी सरकार सख्ती से नियमन करेगी या उन्हें बंद कर देगी. इससे पहले, ट्रंप के चुनावी कैंपेन के मैनेजर ने कहा कि फर्जी न्यूज़ के साथ मिलीभगत कर फैक्ट चेकर्स के ज़रिये ट्विटर सियासत कर रहा है और विरोधियों को झूठी विश्वसनीयता दिलाने की कोशिश भी.
धमकियों के बाद भी ट्विटर ने जारी रखी मुहिम
हाल ही, एक अश्वेत की मौत के बाद अमेरिका में कई जगह भड़के हिंसक प्रदर्शनों के चलते ट्रंप ने अपने ट्वीट में हालात को काबू में रखने के लिए बल प्रयोग की बात कही और यह भी कहा कि ‘अगर लोग लूटेंगे तो हम गोली मारेंगे’. इस पर ट्विटर ने कहा कि इस तरह के ट्वीट ‘हिंसा को प्रोत्साहित करने के संबंध हमारी नीतियों का उल्लंघन करते हैं’. ट्विटर ने ट्रंप के इस ट्वीट और इसके बाद व्हाइट हाउस के एक और ट्वीट को इसी तरह फ्लैग किया. बाद में, ट्रंप ने फिर सफाई दी कि उनका मतलब हिंसा भड़काने से नहीं था.
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खबरें हैं कि ट्विटर के सीईओ जैक ने ट्वीट कर ट्वीट को फ्लैग करने संबंधी नीति बताई.
वाहवाही लूट रहा है ट्विटर
गार्जियन ने एक लेख लिखा है, जिसका शीर्षक है ‘वेल डन ट्विटर, ट्रंप के ट्वीट से निपटने का तरीका आखिर निकाल ही लिया’. इस लेख में ट्रंप के ट्वीट्स, उनसे जुड़े झूठे दावों और ट्विटर के पिछले रवैये के बारे में जिक्र करते हुए कहा गया है कि कम से कम तीन साल देर से ही सही, लेकिन ट्विटर ने एक बड़ा और अहम कदम उठाने की शानदार पहल की है. इसी तरह के अन्य लेख भी लिखे जा रहे हैं और दूसरी तरफ, ट्विटर के प्रतियोगी फेसबुक को दो पाटों के बीच घुन की तरह पिसना पड़ रहा है.
ज़करबर्ग की नीतियों पर उठे सवाल
फॉक्स न्यूज़ को दिए एक हालिया इंटरव्यू में फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने कहा था कि फेसबुक राजनेताओं के फैक्ट चेक में दिलचस्पी नहीं लेता क्योंकि इसकी हर तरफ से आलोचना होती है. दूसरी तरफ, वर्ज की पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक के कर्मचारी कंपनी के अंदरूनी फोरम में कंपनी के उस स्टैंड का विरोध कर रहे हैं, जिसमें सियासी बहसों में न उलझने की हिदायत टॉप मैनेजमेंट ने दी.
अब आलम ये है कि ट्विटर के इस फैक्ट चेक के बाद फेसबुक के कर्मचारी ट्विटर पर जाकर फेसबुक की नीतियों की आलोचना करते हुए साफ कह रहे हैं कि उन्हें फेसबुक के साथ काम करने में गर्व महसूस नहीं हो रहा. साथ ही, लोग ज़करबर्ग और जैक डॉर्सी की तुलनाएं भी कर रहे हैं और डॉर्सी के इस कदम को अहम बता रहे हैं.

फेसबुक के कर्मचारी ट्विटर की नीतियों के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं.
अब जानिए कौन हैं ‘जैक द जीनियस’
ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी के बारे में कुछ ऐसे तथ्य, जो आपको हैरान भी कर सकते हैं और इन्हें आप अपनी डायरी में नोट करके भी रख सकते हैं.
‘आप प्रतिस्पर्धा की चिंता करें या अपनी प्रतिभा पर फोकस’
• बचपन में, जैक को हकलाने की समस्या थी इसलिए वह ज़्यादा समय कंप्यूटर पर बिताते थे.
• जैक 15 साल की उम्र में ही कोडिंग एक्सपर्ट हो गए थे, उनका तब बनाया एक सॉफ्टवेयर अब भी कुछ टैक्सी कंपनियां इस्तेमाल करती हैं.
• अपने कई अरबपति कलीग्स की तरह जैक भी कॉलेज ड्रॉपआउट रहे हैं.
• 15 साल के जैक की प्रतिभा से प्रभावित होकर उस वक्त मायरा डिजिटल के प्रमुख मैक्केल्वी ने ‘जैक द जीनियस’ के बारे में कहा कि ये छोटा सा लड़का सब कुछ कर सकता था. मैक्केलवी बाद में जैक के साथी रहे और दोनों स्क्वायर के संस्थापक भी.
‘फाउंडर होना जॉब नहीं रोल है, एटिट्यूड है’
• पहले जैक ने नाक छिदवाई हुई थी लेकिन ट्विटर के सीईओ दिखने के लिए नोज़रिंग छोड़ी.
• ट्विटर के साथ ही स्क्वायर के लिए भी जैक लगातार रोल निभाते रहे. कहा जाता है कि वह दिन में 16 घंटे काम करते रहे और 8-8 घंटे रोज़ दोनों कंपनियों के लिए भूमिका निभाते थे.
• स्क्वायर के हेडक्वार्टर में जैक का कोई कैबिन या डेस्क नहीं है. वह अपने आईपैड पर काम करते हैं.

ट्विटर के सीईओ जैक डॉर्सी. फाइल फोटो.
‘जिसकी अपेक्षा नहीं होती, उसकी अपेक्षा करें’
• जैक अपने शेयरों का तीसरा हिस्सा वापस ट्विटर कंपनी को और पर्सनल स्टॉक का 10 फीसदी वापस स्क्वायर कंपनी को दे देते हैं.
• जैक सैन फ्रांसिस्को के सीक्लिफ में करीब 1 करोड़ डॉलर की कीमत वाले घर में रहते हैं.
• रोचक बात है कि जैक लाइसेंसधारी मसाज विशेषज्ञ हैं.
तो फेसबुक के एम्प्लॉयी होते जैक
एक पत्रकार निक बिल्टन की किताब में उल्लेख के मुताबिक कहा जाता है कि जब ट्विटर के सीईओ के रोल से उन्हें बेदखल किया गया था, तब जैक की बातचीत फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग से हुई थी. ज़करबर्ग उस वक्त ट्विटर को खरीदने में दिलचस्पी ले रहे थे और जैक को अपनी टीम में चाह रहे थे. लेकिन, उस वक्त जैक का रोल तय न हो पाने के कारण जैक ने इस प्रस्ताव को जाने दिया.
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