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न्यूज़ 18 ने पाया कि मित्रों ऐप का पूरा सोर्स कोड, जिसमें सारे फीचर्स और यूज़र इंटरफेस मौजूद है, उसे पाकिस्तारी सॉफ्टवेयर कंपनी Qboxus से खरीदा गया है.
न्यूज़18 से बातचीत में शेख ने बताया, ‘हम उम्मीद करते हैं कि हमारे ग्राहक हमारे कोड का इस्तेमाल करके खुद का कुछ प्रोडक्ट बनाएं, लेकिन मित्रों के डेवलपर ने हूबहू हमारा प्रोडक्ट ले लिया. उन्होंने सिर्फ उसका लोगो (Logo) बदलकर अपने स्टोर पर अपलोड कर दिया.
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शेख ने साथ ही कहा कि डेवलपर ने जो किया है उससे कोई समस्या नहीं है, क्योंकि उसने स्क्रिप्ट के लिए पैसे दिए थे, जिसका उसने इस्तेमाल किया. लेकिन दिक्कत ये है कि लोग इसे भारतीय ऐप बता रहे हैं, जो कि सच नहीं है, और खासतौर पर तब जब उन्होंने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. शेख ने आगे कंफर्म किया कि कंपनी ने ऐप को मित्रों को codecanyon पर 34$ में बेचा है, जो कि करीब 2,600 रुपये है.
इसके अलावा जब उनसे डेटा होस्टिंग के बारे में पूछा गया तो शेख ने बताया कि Qboxus यूज़र के डेटा को उनके खुद के सर्वर पर होस्ट करने का ऑप्शन देता है, लेकिन मित्रों ने इस ऑप्शन को नहीं चुना और उसे अपने सर्वर पर होस्ट को सेलेक्ट किया. हालांकि अभी तक मित्रों के यूज़र डेटा के ट्रीटमेंट को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.
न्यूज़ 18 के सवालों के ईमेल के जवाब में ई-कॉमर्स शॉपकिलर (मित्रों ऐप का प्रमोटर) ने कहा, ‘हम अपना काम चुपके से करना चाहते हैं, और नहीं चाहते कि लोग हमें हमारे नाम से जानें. मुझे (आर्टिकल) थोड़ा निराशाजनक लगा. हम आपसे चाहते हैं कि आप इस तथ्य की सराहना करें कि हम ऐप पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, और ऐप को बनाने का मकसद सिर्फ लोगों को ‘मेक इन इंडिया’ का ऑप्शन देना था.
इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि लॉन्च होने के एक महीने के अंदर मित्रों ऐप को गूगल प्ले स्टोर से 5 मिलियन (50 लाख) से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका है. साथ ही ये भी सामने आया था कि इसे IIT Roorkee के स्टूडेंट ने बनाया है.
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First published: May 30, 2020, 1:30 PM IST