देश में जारी लॉकाडउन के चौथे चरण के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर समय पर लॉकडाउन नहीं होता तो हालात भयावह होते। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की पीसी में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने ये जानकारी साझा की है।
उन्होंने कहा कि रिसर्चों से सामने आया है कि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ जाती। लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार लोगों की जानों को कोरोना से बचाने में सफल रही है। वीके पॉल के अनुसार, लॉकडाउन नहीं होता तो देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 29 लाख तक जा पहुंचती।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 3234 मरीज ठीक हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना से 48534 लोग ठीक हो गए हैं। रिकवरी रेट 41 फीसदी जा पहुंची है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से 3 अप्रैल के बाद कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आई है। इसके चलते कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग सके हैं।
आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी है। बीते 24 घंटे में 103829 टेस्ट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन 1 लाख से ज्यादा कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। इसके चलते अब तक देश में 27 लाख से ज्यादा लोगों के टेस्ट किए गए हैं।
देश में कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गया है। अब केंद्र का ध्यान कंटेनमेंट मानकों का पालन कराने पर बना हुआ है।