
फोटो: Apple
दोनों कंपनियों ने कहा कि 22 देश और अमेरिका के कई राज्य उनके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर स्वैच्छिक फोन ऐप तैयार करने की योजना पहले ही बना रहे हैं.
कई एजेंसी ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए अपने फोन ऐप पहले ही तैयार करने की कोशिश की है, लेकिन ज्यादातर असफल रहे हैं. इनमें से कई ऐप को ऐपल और एंड्राएड पर तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा है और उन्हें व्यापक रूप से नहीं अपनाया गया. ये एप अक्सर लोगों के स्थान को ट्रैक करने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं, जिन पर ऐपल और गूगल अपने नए संस्करणों में गोपनीयता और सटीकता संबंधी चिंताओं के कारण प्रतिबंध लगा रहे हैं.
कंपनियों ने कहा कि वे ‘कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग’ की जगह लेने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, जो संक्रमण को रोकने का एक महत्वपूर्ण जरिया है, बल्कि उनका स्वचालित ‘एक्पोजर नोटिफिकेशन’ उस प्रक्रिया का पूरक है और सिस्टम कोविड-19 वायरस के प्रकोप को धीमा करता है. इससे ऐसे व्यक्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी, जो संक्रमित है, लेकिन जिसमें इसके लक्षण अभी नहीं दिख रहे. इस ऐप के ज़रिए उपयोगकर्ताओं की पहचान गोपनीय रहेगी.
कंपनियों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि उपयोगकर्ताओं द्वारा इसका इस्तेमाल करना ही इसकी सफलता की कुंजी है और उनका मानना है कि गोपनीयता के कारण लोग इस एप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
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First published: May 21, 2020, 3:16 PM IST