
इंदौर में निजी क्लिनीक कैसे खोले जाए, क्या सावधानी रखी जाए और कैसे मरीजों का ध्यान रखा जाए, इन स्टैण्डर्ड ऑपेरशन प्रोसीजर मुद्दों पर सांसद शंकर लालवानी ने 1,000 से ज़्यादा डॉक्टर और जिला प्रशासन के बैठक की।
सांसद शंकर लालवानी के साथ बैठक में कुछ दिन पहले निजी क्लिनिक खोलने पर सहमति बनी थी और आज शहर के सभी निजी प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर्स के साथ मिलकर क्लिनिक खोलने की सुरक्षा सम्बंधी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
सांसद ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में डॉक्टर्स की भूमिका बेहद अहम है और इस पूरी लड़ाई में वे रीढ़ की हड्डी है। सांसद ने कहा कि शहर में कई गम्भीर बीमारियों के मरीज़ों की सेवा डॉक्टर्स करते हैं और मरीजों की सेवा के लिए आप सभी का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। सांसद ने कहा कि कोरोना से लड़ाई लंबी है इसलिए शहर को स्थाई रुप से बंद नहीं किया जा सकता। इसलिए आप डरे नहीं बल्कि धीरे-धीरे अपने क्लिनिक खोले और किसी मरीज में कोविड के लक्षण नजर आए तो फीवर क्लिनिक में भेजें।
डॉ निशांत खरे ने डॉक्टरों को कहा कि ये महामारी का समय है और किसी भी मरीज़ के साथ प्रयोग करने का नहीं है। इसलिए सभी डॉक्टरों को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करें।

कलेक्टर मनीष सिंह ने निजी डॉक्टर्स को बताया कि आप सभी कोरोना योद्धाओं की तरह काम करेंगे और निजी डॉक्टर भी 50 लाख रु के बीमा के हकदार होंगे।
इंदौर की कोरोना से लड़ाई में ये बैठक बेहद अहम थी और इसमें शहर के 1,000 से ज़्यादा डॉक्टर, डॉ निशांत खरे, कलेक्टर मनीष सिंह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।