आज अपने घरों में महफूज लोग सारे है,
देखो जमीन पर उतरे खाकी में सितारें है।?♂️?
इंदौर- दिनांक 30 अप्रेल 2020 – वर्तमान कोरोना संकट के इस चुनौतीपूर्ण समय में आम लोगों में सकारात्मकता विचारों की वृद्धि हो एवं इस वैश्विक महामारी से इतर कुछ रचनात्मक करें व सोचें तथा वे घर पर रहने के लिए प्रोत्साहित होकर कुछ रचनात्मक करें इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, इन्दौर पुलिस द्वारा आम जनता के लिये ‘‘ रचनात्मक रहें – सकारात्मक रहें ’’ कार्यक्रम के अंतर्गत एक पेंटिंग/कविता और स्लोगन मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें वर्तमान परिदृश्य में पुलिस के कर्तव्य और चुनौतियाँ विषय पर सभी से प्रविष्टियां आमंत्रित की गयी थी।
इन्दौर पुलिस की इस रोचक पहल का आम जनता ने स्वागत करते हुए अच्छा प्रतिसाद प्रदान किया। सभी ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए हमें केवल इन्दौर शहर ही नहीं वरन मध्य प्रदेश के धार, झाबुआ, धामनोद, देवास, भोपाल, खरगोन, मुरैना आदि विभिन्न शहरों से भी लोगों ने इसमें अपनी रचनाएं/प्रविष्टियां भेजी।
इन्दौर पुलिस को प्राप्त इन प्रविष्टियों को अति. पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) श्रीमती मनीषा पाठक सोनी के मार्गदर्शन में गठित एक स्वतंत्र ज्यूरी श्रीमती रचना जौहरी (पत्रकार), श्रीमती भारती सरवटे (चित्रकार) एवं श्री ईस्माईल लहरी (प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट) ने अपनी पारखी नजरों से परखा। उक्त ज्यूरी ने इन रचनाओं में से निम्न तीन स्लोगनों को पुलिस की वर्तमान चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का सर्वश्रेष्ठ आकलन करने पर उनका चयन किया गया –
प्रथम विजेता-श्री पंकज पिता रामप्रसाद शर्मा,
पता-301 रामायण अपार्टमेंट, 71 चंद्रलोक कालोनी साकेत, इन्दौर।
आज अपने घरों में महफूज लोग सारे है,
देखो जमीन पर उतरे खाकी में सितारें है।
द्वितिय विजेता- श्रीमती पिंकी पति सोमित तिवारी,
पता-181-।, समर पार्क कॉलोनी, इंदौर
भूख, प्यास, परिवार से दूरी, सब सहन कर रहे,
कोरोना के खिलाफ जंग में पुलिस के सब ‘‘कर्मवीर’’ युद्ध लड़ रहे।
खेल कर अपनी जान पर, निभा रहे अपना धर्म,
ऐसे इंदौर पुलिस के ‘‘कर्मवीरों’’ के सदा ऋणी रहेंगे हम ।
कोरोना से जंग में हम जरूर होंगे कामयाब,
क्योंकि जल रही है इंदौर पुलिस के दिल में, सुरक्षा के जज्बे की आग।
तृतीय विजेता- सुश्री श्रुति भटनागर पिता डाॅ. एस.सी. भटनागर
पता-66, मानसरोवर नगर इंदौर
*सुरक्षित रहें आप, सुनिश्चित करें हम,*
*राष्ट्रहित व जनहित में सदैव तत्पर हम।*