- 23 जून से होने वाली इस यात्रा को रद्द करने के आदेश उपराज्यपाल मुर्मू ने जारी किए थे
- यात्रा रूट पर कोरोना के 77 रेड जोन होने और दर्शन ऑनलाइन करवाने की बात भी कही थी
जम्मू. इस साल 23 जून से अमरनाथ यात्रा होगी या नहीं, इसे लेकर जम्मू के राजभवन में बुधवार को हां-ना, हां-ना का दौर चला। पहले राजभवन ने अमरनाथ यात्रा कैंसिल करने की जानकारी दी। फिर वह जानकारी देने वाली प्रेस रिलीज ही कैंसिल कर दी। घंटेभर बाद तीसरी प्रेस रिलीज जारी कर सफाई देते हुए कहा कि आज की तारीख में यात्रा करवाना संभव नहीं है, लेकिन यात्रा होगी या नहीं, इसका फैसला बाद में होगा।
बुधवार दोपहर
राजभवन में उपराज्यपाल जीसी मुर्मू की अध्यक्षता में अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड की बैठक हुई। बोर्ड ने फैसला किया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते यात्रा नहीं होनी चाहिए।
बुधवार शाम
भास्कर ने अमरनाथ यात्रा कैंसिल होने की खबर ब्रेक की।
उसके बाद…
शाम 7.14: राजभवन से प्रेस रिलीज जारी, कहा गया- यात्रा नहीं होगी
जम्मू कश्मीर राजभवन से प्रेस रिलीज जारी हुई। इसमें कहा गया कि इस बार यात्रा नहीं होगी। सिर्फ सांकेतिक पूजा होगी। इस रिलीज में उपराज्यपाल और श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मुर्मू ने कहा कि जिस रूट से यात्रा को गुजरना है, वहां कोरोना के 77 रेड जोन हैं। यात्रा के लिए लंगर और कैम्प तैयार करना होते हैं। साथ ही मेडिकल फैसिलिटी जुटाना होती है, जो इस महामारी के बीच संभव नहीं है। यह भी कहा कि बोर्ड ने फैसला लिया है कि प्रथम पूजा और सम्पन्न पूजा पारंपरिक तरीके से होगी। इस संभावना पर भी विचार किया जाएगा कि बाबा बर्फानी की पूजा और दर्शन का टेलिकास्ट ऑनलाइन किया जाए।
शाम 7.39: यात्रा कैंसिल होने वाली प्रेस रिलीज ही कैंसिल कर दी गई
ईमेल कर यात्रा कैंसिल होने वाली प्रेस रिलीज को ही कैंसिल कर दिया गया। हालांकि, इसका कोई कारण नहीं बताया गया। यात्रा होगी या नहीं, इस पर भी कुछ नहीं कहा।
रात 8.52: एक और प्रेस रिलीज जारी, कहा- यात्रा पर फैसला हालात देखकर लिया जाएगा
एक और प्रेस रिलीज जारी की गई, जिसमें लिखा गया कि बाद में हालात का मुआयना कर अमरनाथ यात्रा पर फैसला लिया जाएगा। रिलीज में लिखा है कि बैठक में श्राइन बोर्ड ने शंका जाहिर की कि आज की तारीख में यात्रा करवाना संभव नहीं है। हालांकि, कोरोना के बदलते हालात के बीच भविष्य में इस पर फैसला लिया जाएगा।
यात्रा रूट पर कई फीट बर्फ, बेस कैम्प में क्वारैंटाइन सेंटर
इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल को शुरू होने थे। यात्रा शुरू होने के महीने पहले रूट से बर्फ हटाने का काम हो जाता है, जबकि इस बार वहां अभी भी कई फीट बर्फ मौजूद है। जम्मू में जिस यात्री निवास को अमरनाथ यात्रियों का बेस कैम्प बनाया जाता था, वह इन दिनों क्वारैंटाइन सेंटर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर में 407 पॉजिटिव मरीज हैं, जिनमें से 351 सिर्फ कश्मीर से हैं। जहां से अमरनाथ यात्रा गुजरती है, उस कश्मीर घाटी के 10 जिले कोरोना प्रभावित हैं। जम्मू कश्मीर की सीमा सील है। जरूरी सामानों के अलावा किसी भी गाड़ी के आनेजाने की मनाही है। टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े स्थानीय लोगों को इस यात्रा का हर साल इंतजार होता है। इस पर वहां रहने वाले पिट्ठू और पोनी वालों का सालभर की आमदनी निर्भर होती है।