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सरकार द्वारा नहीं बनाया गया ये ऐप
गर्ग और उनकी टीम ने घर से काम करते समय दो दिनों में ऐप बनाया. उन्होंने ये फैसला कोविड -19 की वजह से वर्क फ्रॉम होम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टूल की मांग को देखते हुए लिया. हालांकि, ऐसा कहा गया है कि Say Namaste भारत सरकार द्वारा अधिकृत आधिकारिक ऐप है, लेकिन ऐसा नहीं है. इस ऐप का निर्माण निजी तौर पर गर्ग और उनकी 50 ऑड डेवलपर्स की टीम ने किया था, और सरकार की ओर से कोई बातचीत या इनपुट नहीं आया है.गर्ग ने कहा कि ये एक सकारात्मक बात है, और हम खुश हैं कि बहुत से लोग वास्तव में अभी हमारे बारे में बात कर रहे हैं. हम निश्चित रूप से सरकार के साथ अधिक निकटता के साथ काम करके खुश होंगे, लेकिन यह सब भविष्य की बात है.’
आगे बताया गया कि वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा आयोजित इनोवेशन चैलेंज में Say Namaste उन प्रतिभागियों में से एक होगा, जो आधिकारिक सरकारी उद्देश्यों के लिए अपनी सेवाओं की पेशकश करेगा. इसके लिए MeitY ने अंतिम विजेता स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करने का ऐलान किया है.
सिक्योरिटी पर है पूरा फोकस
गर्ग ने बताया पिछले कुछ दिनों जो ज़ूम जैसी ऐप की सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठे हैं, उससे सीख कर हम सारी चीजें ध्यान में रख रहे हैं, जिससे कि ऐप को ज़्यादा से ज़्यादा सिक्योर बनाया जा सके. कंम्युनिकेशन एप्लीकेशन के साथ गर्ग की विशेषज्ञता काफी हद तक सफल CometChat से आती है. कॉमेटचैट काफी समय से अपना एनक्रिप्टेड टेक्स्ट ऑफर HDFC Life, Hardvard University और JP Morgan जैसे संगठनों को सर्विस के रूप में दे रहा है.
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गर्ग ने बताया कि आने वाले दिनों में हम अपनी पहली इंडिपेंडेंट सिक्योरिटी ऑडिट कर रहे हैं, ताकि हम अपने सॉफ्टवेयर में मौजूदा सुरक्षा खामियों की पहचान कर सके. हालांकि ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि सॉफ्टवेयर अभी भी बीटा वर्जन में है, जिससे इसमें कई दिक्कत आ सकती है. लेकिन ऑफिशियल लॉन्च के बाद इसकी सारी दिक्कतों को ठीक कर दिया जाएगा.
अब तक, गर्ग कहते हैं कि Say Namaste मालिकाना और खुले स्रोत प्रौद्योगिकियों के मिश्रण का उपयोग करता है. इनमें कई स्वामित्व एन्क्रिप्शन मानक शामिल हैं जो हम पहले से ही बैंकिंग और चिकित्सा उद्योगों (कॉमेटचैट के माध्यम से) में अपने बड़े ग्राहकों को प्रदान करते हैं. हम अभी भी उस तरह के एन्क्रिप्शन मानक के संदर्भ में कई विकल्प देख रहे हैं जो सेवा को तैनात करेगा. इसके लिए हम ये पता लगा रहे हैं कि परफॉर्मेंस को प्रभावित किए बिना एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन कैसे हमारी सेवा के साथ सबसे अच्छा काम करता है, और इसके लिए हम विभिन्न तकनीकों को ट्राय कर रहे हैं.
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हालांकि, उनका कहना है कि अकेले एन्क्रिप्शन गोपनीयता और डेटा सुरक्षा का एकमात्र जवाब नहीं है. सबसे अच्छा संभव एन्क्रिप्शन मानक चुनने के अलावा, हम कुछ एक्सेस प्वाइंट कंट्रोल जैसा भी खोज रहे हैं. हम अगले कुछ दिनों में ऐप में two-factor authentication जोड़ने की तैयारी में है, जो वीडियो कॉल के पार्टिसिपेंट को खुद को वेरिफाई करने में मदद करेगा.
Shouvik Das (News18)