
- यह देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद मंत्रीमंडल समूह की पांचवीं बैठक थी, अब मंत्री प्रधानमंत्री को अपना सुझाव सौंपेंगे
- मंत्रिसमूह ने आरबीआई की घोषणा के मुताबिक आर्थिक सहायता देने और जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने कर भी मंथन किया
नई दिल्ली. कोरोना पर गठित मंत्रिमंडल समूह की बैठक शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में उनके ही घर पर हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पियूष गोयल, स्मृति ईरानी, संतोष गंगवार, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल, राम विलास पासवान और गिरिराज सिंह शामिल हुए। यह देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद मंत्रीमंडल समूह की पांचवीं बैठक थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘ जीओएम के साथ कोरोना पर चर्चा हुई। हमने लोगों को हो रही कठिनाई और इसके समाधान में मंत्रियों की भूमिका पर चर्चा की।’’
बैठक में 20 मई से कुछ स्थानों पर राहत देने के केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के बारे में भी बात की। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से की गई आर्थिक सहायता की घोषणा को लागू करने पर भी मंत्रियों ने चर्चा की। इसमें देश में जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर मंत्रियों ने मंथन किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अगुवाई में शुक्रवार को मंत्रियों की बैठक हुई थी
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें लॉकडाउन को लागू करने के उपायों पर चर्चा हुई थी। खासतौर पर जिन स्थानों पर कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां पर लॉकडान को सख्ती से पालन कराने पर चर्चा हुई थी। मंत्रियों ने देश में संक्रमण की जांच बढ़ाने, वैक्सिन तैयार करने और देश में दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने पर चर्चा की थी। इसके साथ ही देश भर में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने पर चर्चा की गई थी।
मंत्रिसमूह मौजूदा हालात पर चर्चा कर प्रधानमंत्री को सिफारिश करेगा
मंत्रिसमूह को देश में कोरोनावायरस महामारी के कारण पैदा हालात की निगरानी के बाद प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेजने का जिम्मा सौंपा गया है। लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने से पहले हुई बैठक में मंत्री इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि धार्मिक केंद्र, शॉपिंग मॉल और शैक्षणिक संस्थानों को 14 अप्रैल के बाद 4 सप्ताह तक सामान्य तरीके से कामकाज शुरू नहीं करने देना चाहिए। साथ ही, धार्मिक केंद्रों और मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से भीड़ की निगरानी की करने की बात कही थी। मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के चलते ज्यादातर स्कूल-कॉलेज जून अंत तक बंद ही रखने का सुझाव दिया था।