- धारा 144 को भंग किया
- वीडियो वायरल हुआ
- क्या कानून के आम आदमी के लिए है
सूरत. सुरत. लॉकडाउन के दौरान पशु-पक्षियों को भोजन की व्यवस्था के लिए शुरू किए गए अभियान में डेप्यूटी मेयर नीरव शाह अपने 50 साथियों के साथ जैन साधू के दर्शन के लिए चले गए। वीडियो वायरल होने के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया है।
क्या कहते हैं नीरव शाह
कोरोना के आतंक के बीच पशु-पक्षियों के लिए आज से भोजन की व्यवस्था की गई है। इस दौरान पता चला कि गुरु भगवंत भी यहीं हैं, तो वहीं से हम सब उन्हें मंगल कामना देने चले आए। हम सब पशु-पक्षियों की सेवा के नाम पर वहां जमा हुए थे। यदि इससे कानून की अवहेलना होती है, तो उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। भविष्य में इस बात का ध्यान रखूंगा।
स्पष्टीकरण मांगा जाएगा
इस संबंध में भाजपा अध्यक्ष नीतिन भजियावाला ने कहा कि डेप्यूटी मेयर जवाबदार व्यक्ति हैं, यदि वे धारा 144 का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। यदि मैं भी ऐसा करता हूं, तो मेरे खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। नीरव शाह से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, ताकि पूरे मामले का खुलासा हो सके।
प्रशासन की खामोशी पर उठे सवाल
शहर के डेप्यूटी मेयर ने लॉकडाउन के दौरान जैन आचार्य के दर्शन अपने साथियों के साथ किया। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। जिससे पता चलता है कि उन्होंने धारा 144 का खुला उल्लंघन किया है। इस पर जिला प्रशासन खामोश क्यों है? क्या कानून केवल आम आदमी के लिए ही है।
वायरल वीडियो ताजा है
वायरल वीडियो के बारे में कहा गया है कि वह ताजा ही है। शहर में अडाजण में गुरु रामपावन भूमि में कोरोना के कहर के बीच भूखे पशु-पक्षियों के लिए खुराक देने के लिए जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक युवक महासंघ सूरत द्वारा जीव मेत्री सेवा यज्ञ शुरू किया गया था। इसमें जैन आचार्य भी उपस्थित थे। यहीं पर नीरव शाह ने अपने साथियों के साथ जैन साधू के दर्शन किए थे। इसके बाद ही जीव मेत्री सेवा यज्ञ की शुरुआत हुई थी।
सोशल डिस्टेंसिंग भूले नीरव शाह
नीरव शाह मूल रूप से बिल्डर हैं। वे शिक्षित हैं। इसके बाद भी सामूहिक रूप से उन्होंने जैन साधू के दर्शन किए। क्या वे सोशल डिस्टेंडिंग को भूल गए। उनसे ऐसी अपेक्षा नहीं थी। आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? यह समझ से परे है। इस तरह की चर्चा शहर में चल रही है।