प्रगति तायड़े 6 माह की बेटी के साथ रोज काम पर आ रही हैं ताकि बिजली की आपूर्ति बनी रहे.
कोलार के नयापुरा सबस्टेशन में प्रगति तायड़े 6 महीने की छोटी सी बिटिया को लेकर हर रोज ड्यूटी पर पहुंचती है. सुबह 8 बजे लेकर शाम 4 बजे तक बेटी को संभालने के साथ ही बखूबी काम की जिम्मेदारी भी निभा रही है.
भोपाल. कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) के तौर पर पुलिस, डॉक्टर, नगर-निगम कर्मचारियों और एनजीओ की बहुत सारी तस्वीरें सामने आई हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान सबस्टेशन में पदस्थ प्रगित तायड़े (Pragati Tayde) भी ऐसी ही वॉरियर हैं, जिनकी चर्चा शहर के सभी लोगों की जुबान पर है. आपके घरों में अंधेरा ना हो इसलिए प्रगति बेबी अपनी 6 माह की बेटी को कैरियर में लेकर हर रोज ऑफिस पहुंच रही हैं. प्रगति तायड़े का कहना है कि बेटी को कार्यस्थल पर लेकर आना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन ड्यूटी करना जरूरी है. लॉकडाउन के समय में बेटी को घर पर अकेला छोड़ नहीं सकती है.सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक करती है ड्यूटीकोलार के नयापुरा सबस्टेशन में प्रगति तायड़े 6 महीने की छोटी सी बिटिया को लेकर हर रोज ड्यूटी पर पहुंचती है. सुबह 8 बजे लेकर शाम 4 बजे तक बेटी को संभालने के साथ ही बखूबी काम की जिम्मेदारी भी निभा रही है. वह ऐसा इसलिए कर रही है ताकि आपके घरों में अंधेरा ना हो. उनका कहना है कि यह काम खतरनाक है लेकिन संकट के बीच बच्ची को अकेले घर पर नहीं छोड़ सकती है इसलिए काम के साथ ही बिटिया को भी संभाल रही है. प्रगति तायड़े 6 महीने की बिटिया को लेकर 8-4 बजे तक बखूबी अपनी जिम्मेवारी निभाती हैं.प्रगति तायड़े सबस्टेशन पर टेस्टिंग ऑपरेटरप्रगति तायड़े कोलार क्षेत्र में सबस्टेशन में टेस्टिंग ऑपरेटर है. वह संविदा कर्मचारी है. प्रगति कहीं बिजली गुल हो औऱ फॉल्ट होने पर लाइनमेन को सूचित करती है, जिससे फॉल्ट ठीक हो सकें औऱ बिजली आपूर्ति तुरंत घरों में हो सकें. हालांकि प्रगति का कहना है कि वह भी डॉक्टर, नर्स औऱ पुलिसकर्मियों की तरह अपने कर्तव्य को पूरा कर रही हैं. सभी लोग विषम परिस्थितियों में काम कर रहे है ताकि गर्मी के मौसम में जो लोग लोक लॉकडाउन के दौरान घर पर है तो किसी को भी कोई दिक्कत ना हो. बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से सभी घरों में हो सकें.हम संविदा कर्मचारियों का हो बीमा
सबस्टेशन के अंदर काम करते वक्त बिटिया को बिजली उपकरणों से दूर रखकर काम संभालती है. वहीं बिजली यार्ड में जाते समय बच्ची को दूसरे कर्मचारी के पास छोड़कर काम पूरा करती है. हालांकि प्रगति का कहना है कि वो और उनकी महिला साथी सभी मुश्किल हालातों में अपनी ड्यूटी निभा रहे है लेकिन आज भी वो आउटसोर्स कर्मचारी है औऱ बिना बीमा के काम कर रही है. बेटी के साथ काम करना फिलहाल जोखिम भरा है. ऐसे में हम सभी संविदा कर्मचारियों का बीमा जरूर होना चाहिए.ये भी पढ़ें: COVID-19: मंदसौर के 62 वर्षीय नाहरू खान ने बनाया ऑटोमेटिक सैनिटाइजिंग मशीनइंदौर कलेक्टर का आदेश : रात 8 से 10 बजे तक घर से बाहर न निकलें, पुलिस सतर्क
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First published: April 5, 2020, 1:35 PM IST