
संघ का पूरा ध्यान रामनवमी मनाने से ज्यादा इस बात पर है कि कोरोना से जंग में काम कर रहे कर्मियों और फंसे लोगों तक सहायता कैसे पहुंचायी जाए.
दस हजार स्थानों पर एक लाख से अधिक स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने में लगे हुए हैं. कहा जा सकता है कि इस योजना के तहत करीब-करीब दस लाख परिवारों तक आज अपने संघ के स्वयंसेवक किसी न किसी माध्यम से पहुंचे हैं.
सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा है कि संघ के स्वयंसेवक कम से कम 10 लाख लोगों तक सहायता लेकर पहुंच चुके हैं. देशभर में हजारों स्वयंसेवक इस पीड़ा की घड़ी में समाज के साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं. फिलहाल लगभग दस हजार स्थानों पर एक लाख से अधिक स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने में लगे हुए हैं. कहा जा सकता है कि इस योजना के तहत करीब-करीब दस लाख परिवारों तक आज अपने संघ के स्वयंसेवक किसी न किसी माध्यम से पहुंचे हैं. खासकर भोजन सामग्री पहुंचाना, सेनेटाइजर जैसी उपयोगी वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाना, चिकित्सालयों में जाकर सेवा देने के काम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग लगे हैं.
सेवा भारती ने भी दिल्ली में 24/7 कोरोना हेल्प लाईन 8010066066 खोल दिया है. दिल्ली में कोई भी व्यक्ति या वर्ग इन परिस्थियों में मदद चाहता हो तो इस केन्द्र में संपर्क कर सकता है. इसमें 24 घंटे डॉक्टर्स मौजूद रहते हैं और कार्यकर्ता दिल्ली के हर कोने में मदद पहुंचाने को तैयार रहते हैं. विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी राजधानी दिल्ली में पुलिस की मदद से इन दिहाड़ी मजदूरों और झुग्गियों में फंसे लोगों तक खाना पहुंचा रहे हैं और अपने शीर्ष नेताओं के निर्देश का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग भी बना कर रख रहे हैं.
सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने अपने रामनवमी संदेश में कहा है कि इस बार रामनवमी देश एक भिन्न माहौल में मना रहा है. इसलिए इस संक्रमण की बीमारी को रोकना ही समस्या का समाधान है. उन्होंंने जनता से अपील भी की कि सरकार और डॉक्टरों के निर्देश का पालन करने से ही देश वतर्मान संकट से मुक्त हो सकेगा. महाराष्ट्र जैसै राज्य में कई जगहों पर घुमंतू जातियों की बस्तियां हैं जिनका जीवन बहुत कठिनाइयों से गुजर रहा है. संघ के स्वयंसेवकों ने ऐसे कुछ स्थानों पर जाकर उनके लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था करना प्रारंभ किया है.भैय्याजी जोशी ने स्वयंसेवकों को कहा है कि अलग अलग स्थानों में काम करने वाले अस्थायी मजदूरी करने वाले लोगों की हालत चिंता का विषय है क्योंकि अविश्वास और असुरक्षा के माहौल में अपने अपने घरों की ओर भागने मे लग गए थे. ऐसी जगहों पर संघ के स्वयंसेवक भी काम में लगे हैं, लेकिन इन जगहों पर और अधिक ताकत लगाने की आवश्यकता है. संघ का मानना है कि अभी और दो सप्ताह का समय बाकी है. अगर इसी प्रकार ही नियमों का पालन करते रहे तो दो सप्ताह के बाद देश एक बार फिर सामान्य जीवन की ओर बढ सकता है.
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First published: April 3, 2020, 12:56 AM IST