देश के सिर्फ बिजनेस टायकून ही नहीं, छोटे-छोटे मददगार भी अपनी हैसियत के हिसाब से एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) में भी रुपये जमा करा रहे हैं. इसको सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट भी कर रहे हैं. मकसद इसे देखकर दूसरे लोगों के दिलो में भी जज़्बा पैदा हो.
प्रेरणादायी सेवाभाव, जैसा नाम वैसा काम
प्रेरणादायी सेवा भाव संस्था हर काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है. संस्था से जुड़े लोग निश्चल जैन, संजीव जैन, विनोद कलवानी, विनोद शीतलानी, अजय महाजन और संगीता जैन की टीम कोरोना महामारी के वक्त भी वायरस के डर को भूलकर अपना काम कर रही है. आम लोगों को खाना खिलाने के साथ ही अस्पतालों में जाकर भर्ती मरीजों और पैरामेडिकल स्टाफ को खाना पहुंचा रहे हैं.
50 हज़ार का चेक पीएम फंड में दिया गया है.
रात-दिन लगे हैं एएमयू के कोरोना वॉरियर्स
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र पूरे दिन अपने संसाधन और दूसरों की मदद लेकर खाने-पीने का सामान इकट्ठा करते हैं. उसके पैकेट बनाते हैं और फिर जहां-जहां से मदद की गुहार आई है वहां यह पैकेट पहुंचा रहे हैं. पास के जिन गांव में आलू की खेती होती है वहां से गाड़ी में भरकर आलू के पैकेट ला रहे हैं. शेरवानी गंदी भी हो सकती है यह फिक्र किए बिना 50-50 किलो के पैकेट खुद ही लोड-अनलोड भी कर रहे हैं.
जरूतमंदों तक पहुंचाने के लिए हर रोज एएमयू के छात्र ऐसे खानेे का सामान जमा करते हैं.
तेल, चावल, दाल, आटा के पैकेट बनाकर रात को छात्रों की टीम उन्हें बांटने निकल जाती है. हर रोज 600 से 700 परिवारों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. बना हुआ खाना भी सड़क और झुग्गी-झोपड़ियों में बांटा जा रहा है.
पीएम केयर्स फंड में दिया 50 हज़ार का चेक
विजय बहादुर पाठक का ताल्लुक वैसे तो सियासत से हैं. लेकिन देश के मौजूदा हालात में वो एक आम इंसान बनकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं. विजय बहादुर ने मुश्किल की इस घड़ी में 50 हज़ार रुपये का चेक पीएम केयर्स फंड में दिया है. साथ ही दूसरे लोगों से भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आने की गुहार लगा रहे हैं.
प्रेरणादायी सेवाभाव संस्था खाना तैयार कर अस्पतालों में बांट रही है.
जरूरतमंदों के लिए होटल में खाना बनवा रहे हैं मनीष
इवेंट कंपनी चलाने वाले मनीष ने भी लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए अभियान छेड़ा हुआ है. कोशिश होती है कि कोई छूटे नहीं, लेकिन जितने संसाधन हैं उतने ही जरूरतमंदों तक पहुंच हो पाती है. खाने के दौरान पूरी तरह से साफ-सफाई बरती गई हो और कोरोना को देखते हुए हर तरह की ऐहतियात बरती है इसके लिए उन्होंने एक होटल की मदद ली. होटल में खाने के पैकेट तैयार कराकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें बांट भी रहे हैं.
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