24 मार्च के बाद हर दिन सामने आए औसतन 116 मामले
पीएम मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की थी. उस दिन शाम को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 360 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद के 10 में यानी 1 अप्रैल तक ये संख्या 1,637 हो गई है यानी इस बीच 1,277 मरीज बढे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो हर दिन औसतन 127 संक्रमित लोग सामने सामने आए हैं. वहीं, 24 मार्च को देश में संक्रमितों की संख्या 470 थी यानी अब तक कुल 1,167 मरीज बढे हैं. दूसरे शब्दों में औसतन हर दिन 116 मरीज सामने आए हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए वैज्ञानिक मान रहे हैं कि भारत 27 दिन गुजरने पर भी संक्रमण के तीसरे चरण में नहीं पहुंचा है. यानी लॉकडाउन का मकसद काफी हद तक सफल रहा है. बता दें कि भारत में पहला पॉजिटिव केस 30 जनवरी को सामने आया था.
28 मार्च के बाद संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुईकेरल (Kerala) में पहले तीन मामले सामने आने के 39 दिन बाद यानी 10 मार्च को भारत में 50 केस हो गए थे. वहीं, 15 मार्च तक आंकड़ा 100 हो गया. फिर संक्रमितों की तादाद 200 होने में महज 6 दिन लगे. इसके बाद 24 मार्च को 500 और 28 मार्च को भारत (Coronavirus in India) में 1,000 पॉजिटिव केस हो गए. ऐसा लग रहा था कि अगर यही रफ्तार रही तो रविवार यानी 5 अप्रैल तक संक्रमितों की संख्या 2,000 तक ही पहुंचेगी. दूसरे शब्दों में समझें तो भारत में लॉकडाउन का मकसद काफी हद तक सफल होता हुआ नजर आ रहा था. लेकिन, 28 मार्च के बाद चार ही दिन में आंकड़ा 1,600 संक्रमितों (Infected) को पार चुका है.
अमेरिका और इटली संक्रमण के चौथे चरण में पहुंच गए
अमेरिका (America) में 10 मार्च को कोरोना के पॉजिटिव केस 1,000 हो गए थे. इस दिन तक अमेरिका संक्रमण के दूसरे चरण में था यानी वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Community Transmission) शुरू नहीं हुआ था. इसके बाद के 19 दिन में यूएस में पॉजिटिव केस 1.42 लाख हो गए और चौथे चरण में पहुंच गया. वहीं, इटली (Italy) में कोरोना वायरस का पहला मामला 31 जनवरी को सामने आया था. इसके बाद वहां 30 मार्च तक 1 लाख लोग संक्रमित हो चुके थे. यानी भारत के अगले दिन इटली में पहला मामला मिला और ये देश अब तक चौथे चरण में पहुंच चुका है. इटली में पहले 16 केस दर्ज होने में करीब 22 दिन लगे थे. इसके दो बाद यानी 23 मार्च को ही यहां पॉजिटिव केस की तादाद 152 हो गई थी.
इस समय दुनिया में हर दिन सामने आ रहरे 60 हजार केस
स्पेन (Spain) में पहला मामला 31 जनवरी को सामने आया थाा. स्पेन के कैमरी आइलैंड में एक जर्मन टूरिस्ट को COVID-19 से संक्रमित पाया गया था. इसके बाद 9 मार्च को यहां मरीजों की संख्या 1,169 पहुंच गई थी. इसके अलग चार दिन में यानी 13 मार्च को ये आंकड़ा करीब-करीब 5,000 हो गया था. 21 मार्च तक संक्रमितों की संख्या 21 हजार से ज्यादा हो गई थी. यानी यहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका था. वहीं, पूरी दुनिया में संक्रमण के पहले 1 लाख मामले सामने आने में करीब 67 दिन लगे थे. लेकिन, इसके बाद अगले 1 लाख लोगों तक ये महज 11 दिन में ही फैल गया था. पीएम मोदी ने भी वैज्ञानिक तथ्यों का हवाला देते हुए बताया था कि इसके बाद 2 लाख से 3 लाख तक पहुंचने में इसे सिर्फ 4 दिन का समय लगा. इस समय दुनिया भर में हर दिन करीब 60 हजार नए केस सामने आ रहे हैं.
‘भारत में संक्रमण का दूसरी स्टेज में ठहरे रहना अच्छा संकेत’
इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. स्कंद शुक्ल के मुताबिक, ये अच्छी बात है कि भारत में अभी संक्रमण दूसरी स्टेज में ही ठहरा हुआ है. इसका मतलब है कि देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन फिलहाल शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से एक तो ट्रांसमिशन चेन ब्रेक करने में मदद मिल रही है. वहीं, हमारे देश की कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं के मद्देनजर सरकार को बडी मुसीबत के लिए तैयारी करने का पर्याप्त समय भी मिल रहा है. वह बताते हैं, ‘अभी भारत में औसतन हर दिन 100 नए मामले सामने आ रहे हैं. जिस दिन देश में हर रोज 1,000 या इससे ज्यादा मामले सामने आने लगेंगे, उस दिन मान लिया जाएगा कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है.’ बता दें कि कोरोना वायरस 4 चरण में फैलता है. चीन, अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी समेत ज्यादातर देश दूसरे से तीसरे चरण में महज 10 से 15 दिन में पहुंच गए थे.
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