शहर से गांव की ओर जाने वालों से कोरोना फैलने का खतरा
COVID-19: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से 21 दिन के देशव्यापी बंद के लागू होने के बाद कामगारों के शहरों से बड़े पैमाने पर पैदल ही अपने मूल निवास स्थान की ओर जाने को रोकने के लिये उठाए गए कदमों पर स्थिति रिपोर्ट मांगी थी.
10 में से 3 कामगार हो सकते हैं वायरस के वाहक
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने ऐसे पलायन (शहरों से गांव की ओर) की इजाजत नहीं दिये जा सकने का जिक्र करते हुए प्रधान न्यायाधीश एस ए बोब्डे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ को बताया, ‘इस बात की संभावना है कि शहर से गांव की ओर जा रहे 10 में से तीन लोग वायरस के वाहक हों.’
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से एक दिन पहले ही 21 दिन के देशव्यापी बंद के लागू होने के बाद कामगारों के शहरों से बड़े पैमाने पर पैदल ही अपने मूल निवास स्थान की ओर जाने को रोकने के लिये उठाए गए कदमों पर स्थिति रिपोर्ट मांगी थी.‘कोरोना से अब तक ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित नहीं’
केंद्र की तरफ से पेश हुए मेहता ने बताया कि कोरोना वायरस से ग्रामीण भारत अब तक प्रभावित नहीं हुआ है और राज्यों को अंतरराज्यीय आवाजाही को पूरी तरह रोकने के लिये परामर्श जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह की आवाजाही न हो. यह उनके लिये और गांवों की आबादी के लिये जोखिम भरा होगा. ग्रामीण भारत अब तक कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं है लेकिन इस बात की आशंका है कि शहर से गांव की ओर जा रहे 10 में से तीन लोग वायरस के वाहक हों.’
कोरोना से 35 की मौत, 1397 लोग संक्रमित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समेकित आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है और 1,397 लोग संक्रमित हैं. इसमें सोमवार रात से पंजाब में हुई दो लोगों की मौत, और महाराष्ट्र में एक व्यक्ति की मौत शामिल है. इसमें निजामुद्दीन में धार्मिक सभा में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना में हुई मौत का आंकड़ा शामिल नहीं हैं.
कोरोना से जंग जारी, ये हैं देश के 9 हॉटस्पॉट्स
कोरोना वायरस के तेज प्रसार वाले ये 9 हॉटस्पॉट्स हैं-
– दिल्ली का दिलशाद गार्डन
– निज़ामुद्दीन
– केरल का कासरगोड
– केरल का ही पतनमथिट्टा
– पंजाब का एसबीएस नगर
– राजस्थान का भीलवाड़ा
– महाराष्ट्र का पुणे
– मुम्बई और
– लद्दाख
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जब कोई केस मिलता है तो उसकी स्ट्रेटजी के तहत जोन डिफाइन की जाती है. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) का काम होता है. अस्पताल या फिर होम क्वॉरन्टीन की जरूरत होती है. खासकर चेन को ब्रेक करने की कोशिश होती है जिससे आगे मसला न बढ़े.
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First published: April 1, 2020, 12:14 AM IST