इंदौर अगले 7 दिन के लिए Total Lock down
कलेक्टर ने बताया कि इंदौर में कोरोना पीड़ित 700 मरीज़ों के इलाज की व्यवस्था कर ली गयी है. अस्पतालों को रेड, यलो और ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है. रेड कैटेगरी में कोविड-19 पॉजिटिव पेशेंट, यलो में कोरोना से संबंधित लक्षणों वाले पेशेंट और ग्रीन में अन्य बीमारियों वाले पेशेंट लिए जाएंगे.
इंदौर. मध्य प्रेदश का मिनी मुंबई यानी इंदौर अगले 7 दिन के लिए पूरी तरह बंद रहेगा. प्रशासन ने शहर को 7 दिन के लिए टोटल लॉकडाउन (Total lockdown ) कर दिया है. इस दौरान शहर में दवा की सप्लाई जारी रहेगी. कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी कर दिया है. साथ ही हिदायत दी है कि कोई भी लापरवाही या चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लॉकडाउन के दौरान प्रशासन का सहयोग करें.इंदौर में कोरोना पीड़ित 5 मरीज़ों की मौत के बाद प्रशासन ने सख्ती बरकरार रखी है. इंदौर फिर अगले 7 दिन तक पूरी तरह बंद रहेगा. कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा अगले 7 दिन सख्ती बरकरार रखी जाएगी. लोग कर्फ्यू का पूरी तरह पालन करें. उन्होंने इंदौर की जनता से अपील की कि सभी मानसिक रूप से तैयार रहें और लॉकडाउन के समय प्रशासन का सहयोग करें. कलेक्टर ने बताया कि पिछले 2 दिन में शहर में करीब 450 और लोगों को क्वारंटाइन किया गया. इनमें से 285 लोगों का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया है. क्वारंटाइन फैसिलिटी बढ़ाने के मकसद से बैकहैंड पर लगातार काम किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त कोविड- 19पॉजिटिव पेशेंट के इलाज के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग का कार्य भी किया जा रहा है.पूरे शहर में संक्रमण
इंदौर शहर कोरोना संक्रमण के जिस दौर से गुजर रहा है, उस स्टेज में संक्रमण बहुत तीव्र गति से फैलता है. शहर में पाए गए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर और उसके आसपास के इलाकों को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है. उन मरीजों की फर्स्ट एवं सेकंड कांटेक्ट हिस्ट्री का पता लगाकर संबंधित व्यक्तियों को आइसोलेट करके क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि प्रशासन का यह प्रयास है कि कोविड-19 पॉजिटिव पेशेंट के परिवार और उनका जिनसे कांटेक्ट हुआ है, उन्हें तत्काल क्वारंटाइन किया जाए.इन इलाकों में चुनौती
कलेक्टर ने बताया कि, रानीपुरा, हाथीपाला सबसे ज्यादा चुनौती वाले क्षेत्र हैं. घनी बस्ती होने के कारण यहां संक्रमण बहुत तेजी से फैला है. उन्होंने बताया कि चंदन नगर और खजराना में डिटेल सर्वे कराया जा रहा है. यहां आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी वर्कर की टीम घर-घर जाकर दवा बांट रही है. ये टीम सर्वे कर रही है और जिन लोगों में कोरोना से संबंधित लक्षण सर्दी, खांसी, जुकाम, गले में खराश है उन्हें यलो कैटेगरी वाले अस्पताल में स्क्रीनिंग के लिए भेजा जा रहा है.तीन कैटेगरी
कलेक्टर ने बताया कि इंदौर में कोरोना पीड़ित 700 मरीज़ों के इलाज की व्यवस्था कर ली गयी है. अस्पतालों को रेड, यलो और ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है. रेड कैटेगरी में कोविड- पॉजिटिव पेशेंट, यलो में कोरोना से संबंधित लक्षणों वाले पेशेंट और ग्रीन में अन्य बीमारियों के इलाज वाले पेशेंट लिए जाएंगे. कलेक्टर ने बताया कि ग्रीन कैटेगरी वाले अस्पताल सबसे ज्यादा हैं. क्योंकि इंदौर शहर में आबादी बहुत बड़ी है और लोगों को कई तरह की बीमारियां हैं. उनका इलाज सामान्य रूप से चल सके इसलिए ग्रीन कैटेगरी में सबसे ज़्यादा अस्पताल रखे गए हैं.स्वाइन फ्लू से कम ख़तरनाक
कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक कोरोना, स्वाइन फ्लू से कम खतरनाक है और भारतीय इस वायरस से लड़ने में बहुत सक्षम हैं. इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं, बस संयम बरतने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय दवा बाजार, कैमिस्ट एसोसिएशन से संबंधित फैक्ट्री यूनिट पूरी तरह खुली रहेंगी. वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को पास के ज़रिए आने जाने की छूट रहेगी.मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि डॉक्टर और नर्सों की सुरक्षा के लिए पी.पी.ई. किट दी गई है. रेड एवं येलो कैटेगरी वाले अस्पतालों में पूरे स्टाफ को पीपीई किट दी गयी है. जबकि न कैटेगरी वाले अस्पताल में एचआईवी किट दी गयी है.ये भी पढ़ें-भोपाल आयी विदेशी जमातों का निज़ामुद्दीन मरकज़ से कनेक्शन, सभी क्वारेंटाइनCovid-19 : राज्यपाल और मुख्यमंत्री की एक ही अपील- घर पर रहें-कोरोना से बचें
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First published: March 31, 2020, 6:40 PM IST