दिल्ली पुलिस शनिवार देर रात से ही ऑपरेशन की शुरुआत कर चुकी थी.(फाइल फोटो)
दिल्ली में मरकज सम्मेलन का जमावड़ा हुआ था इसलिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी. न्यूज 18 हिंदी को विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने इस ऑपरेशन की कमान खुद संभाल रखी थी. दिल्ली पुलिस शनिवार देर रात से ही ऑपरेशन की शुरुआत कर चुकी थी.
चूंकि दिल्ली में जमावड़ा हुआ था इसलिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी. न्यूज 18 हिंदी को विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने इस ऑपरेशन की कमान खुद संभाल रखी थी. दिल्ली पुलिस शनिवार देर रात से ही ऑपरेशन की शुरुआत कर चुकी थी. सूत्रों का कहना है कि चूंकि मामला धर्म विशेष और विदेशी नागरिकों से जुड़ा हुआ था इसलिए दिल्ली पुलिस को सख्ती से निपटने की मनाही थी. अजीत डोभाल लगातार दिल्ली पुलिस पुलिस कमिश्नर से संपर्क में थे. आइए जानते हैं दिल्ली पुलिस ने इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया.
दिल्ली पुलिस शनिवार रात से ही ऑपरेशन में लग गई
शनिवार रात तकरीबन 11 बजे दिल्ली पुलिस की एक टीम एलएनजेपी अस्पताल (Lnjp Hospital) पहुंचती है. दिल्ली पुलिस अस्पताल प्रशासन से आग्रह करती है कि हमें कुछ डॉक्टरों की जरूरत है. दिल्ली में एक जगह पर ज्यादा भीड़ हो रखी है. वहां पहुंच कर कोरोना वायरस (Coronavirus) के लक्षण की जांच करनी है. दिल्ली पुलिस को एलएनजेपी अस्पताल की तरफ से दो जूनियर रेजिडेंट डाक्टर मिलते हैं. दिल्ली पुलिस उन दोनों डॉक्टरों को एलएनजेपी से सीधे हजरत निजामुद्दीन थाने लेकर पहुंचती है. हजरत निजामुद्दीन थाने में दोनों डॉक्टरों को बताया जाता है कि आपको कहां जाना है और आपको वहां जाकर किस तरह व्यवहार करना है.lNJP अस्पताल में 34 लोगों को पहले भर्ती कराया गया
रात तड़के 1.30 बजे दिल्ली पुलिस पूरे दल-बल के साथ हजरत निजामुद्दीन के एक मस्जिद में प्रवेश करती है. मस्जिद में प्रवेश करने से पहले मस्जिद के इमाम और स्थानीय लोगों को विश्वास में लिया जाता है. डॉक्टरों ने जब वहां पर कुछ लोगों की जांच की तो स्थिति भयानक दिखी. लगभग 300 लोगों को कोरोना के लक्षण नजर आए. दिल्ली पुलिस ने मस्जिद के इमाम को समझाया कि यहां रहना इन लोगों के लिए तो खतरा है ही दूसरे लोग भी इससे संक्रमित हो सकते हैं. इसलिए तुरंत इन लोगों को मस्जिद से नकाला जाए.
दिल्ली पुलिस रविवार को दोपहर तक 25 लोगों को एलएनजेपी में भर्ती करा चुकी थी. हजरत निजामुद्दीन गए डाक्टरों ने अस्पताल प्रशासन को जो रिपोर्ट दी वह काफी चौंकाने वाली थी. कहा ये गया है कि लगभग 1800 लोग इन लोगों के संपर्क में आए हैं. जैसे ही यह बात सामने आई इसकी हर तरफ चर्चा होने लगी. अस्पताल प्रशासन ने रविवार को छु्ट्टी होने के बावजूद अपने डाक्टरों को शाम 7 बजे तक अस्पताल पहुंचने का मैसेज दिया. मैसेज में कहा गया कि किसी भी समय 300 कोरोना के संदिग्ध अस्पताल पहुंच सकते हैं. इसलिए तुरंत ही अस्पताल पहुंचे.
रविवार को दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी
दिल्ली पुलिस ने यह रिपोर्ट रविवार सुबह गृह मंत्रालय को दे दी थी. क्योंकि कई विदेशी भी मस्जिद में रह रहे थे. इसलिए दिल्ली पुलिस मीडिया से बचकर रविवार सुबह से ही लोगों को दिल्ली के कई अस्पतालों में पहुंचाने लगी. रविवार रात ही एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर ने न्यूज18हिंदी से बातचीत में कहा कि 34 मरीज भर्ती हो चुके हैं और लगभग 300 लोगों के लिए बेड तैयार करने को कहा गया है.
बता दें 21 मार्च को मिशनरी काम के लिए लगभग 824 विदेशी तब्लीग़ जमात कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में थे. जबकि 216 विदेशी नागरिक मरकज़ में रह रहे थे. मरकज में 1500 से अधिक भारतीय जमात कार्यकर्ता भी मौजूद थे. फिलहाल मरकज मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है. मौलाना साद और तब्लीग जमात के अन्य लोगों पर भी एफआईआर दर्ज हुई है.
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First published: March 31, 2020, 9:24 PM IST