फेक न्यूज के इसी दौर में हाल ही में एक तस्वीर देखी गई, जिसपर World Health Organisation (WHO) का ठप्पा लगा दिख रहा है. इस एडवाइजरी के अनुसार लोगों को बेकरी आइटम खाने से बचना चाहिए. एडवाइजरी पर लिखा संदेश कुछ ऐसा है- बेकरी आइटम खाना बंद कर दें. ये धोए नहीं जा सकते और इसी वजह से इनसे वायरस का संक्रमण हो सकता है.
इंडिया टुडे ने अपनी खोजबीन में पाया कि WHO की ओर से कोरोना महामारी को लेकर ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं हुई है. अभी तक इस बात का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है कि बेकरी की चीजें कोरोना वायरस के लिए खास टारगेट हो सकती हैं.
अब तक WHO ने कोरोना से बचाव को लेकर जो सामान्य जानकारियां दी हैं, वे इससे कहीं भी जुड़ी हुई नहीं हैं. इसके तहत हाथों को बार-बार साबुन से धोने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाने, अपनी आंखें, नाक और मुंह को छूने से बचने और खांसते या छींकते हुए रुमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
जैसा कि United States Food and Drug Administration बताता है कि अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि खाने या खाने की पैकेजिंग के जरिए कोरोना वायरस फैलता है. यह जरूर है कि वायरस संक्रमित जगह को थूने के बाद अगर कोई अपनी नाक, मुंह या आंखें छू लेता है तो वायरस से संक्रमित हो सकता है.
Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के हवाले से फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कहता है कि चूंकि वायरस ज्यादा वक्त तक सतह पर नहीं रहता इसलिए ये डर कम ही है कि ये खाने पर या खाने की पैकेजिंग के जरिए किसी स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच सके. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि खाने की चीजें शून्य तापमान पर दिनों तक रहती हैं और यहां से वहां भेजी जाती हैं. ऐसे तापमान पर किसी भी वायरस के पनपने का डर नहीं रहता है.

भारत में भी संक्रमितों की संख्या 1000 पार कर चुकी है
अभी हफ्तेभर पहले एक और अफवाह फैली, जिसमें एक इंडोनेशियन डॉक्टर की तस्वीर के साथ लिखा था कि वो मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमण का शिकार हो गया. मरने से पहले की आखिरी तस्वीर- कैप्शन के साथ डॉक्टर की फोटो दुनियाभर के सोशल प्लेटफॉर्म पर फैल गई. फैक्ट चेक में सामने आया कि फोटो में दिख रहा शख्स डॉक्टर तो है लेकिन मलेशिया के Selangor शहर के एक अस्पताल में काम करा है. फिलहाल वो स्वस्थ है और मरीजों के इलाज में जुटा हुआ है. डॉक्टर की ये तस्वीर उस वक्त ली गई, जब वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने परिवार से दूर से मुलाकात कर रहे थे.
पूरी दुनिया में कोविड-19 (Covid-19) का संक्रमण अब 7 लाख 20 हजार से ऊपर जा चुका है और 34 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. भारत में भी संक्रमितों की संख्या 1000 पार कर चुकी है. देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है ताकि इस दौरान संक्रमण की रफ्तार कम हो जाए और इसी बीच अस्पतालों की व्यवस्था भी सुधर जाए. इधर दुनियाभर के अधिकतर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि भारत में लॉकडाउन खत्म होते ही वायरस का संक्रमण तेजी से फैलेगा और मरीजों की संख्या लाखों में हो जाएगी. इसी अनुमान को ध्यान में रखते हुए लगातार कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल, आइसोलेशन वार्ड और मेकशिफ्ट अस्पताल बनवाए जा रहे हैं. साथ ही हेल्थकेयर प्रोशेनल्स को भी प्रशिक्षण मिल रहा है कि वे किस तरह से इतनी संक्रामक बीमारी के इलाज के दौरान खुद को बचाए रखें.
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