डॉ. कफील खान की पत्नी का हाईकोर्ट से अपील (file photo)
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों को एक अहम निर्देश दिया था कि सात साल से कम की सज़ा पाए या सात साल से कम की सज़ा के आरोपों में जेल में बंद अंडर ट्रायल व 65 साल से ऊपर की उम्र के कैदियों को छोड़ दिया जाए.
शबिस्ता खान का आरोप है कि रिहाई के कुछ घंटों पहले लखनऊ से किसी अधिकारी का फोन आने पर उनकी रिहाई रोक दी गई. उन्होंने बताया कि मेरे पति डॉक्टर कफील ने जेल पीसीओ से मुझे फोन करके जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैं माननीय उच्च न्यायालय से प्रार्थना करती हूं मेरे पति डॉक्टर कफील को रिहा किया जाए. क्योकि इनकी सेहत भी ठीक नहीं हैं.
डॉ. कफील खान की पत्नी शबिस्ता खान
इससे पहले निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. दरअसल, इस चिट्ठी में डॉ. कफील ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि भारतीयों को कोरोना जैसी घातक महामारी से बचाने के लिए Corona Stage-3 के खिलाफ एक रोड मैप का जिक्र किया था.उन्होंने पीएम मोदी को चिट्ठी में लिखा, ’20 वर्ष के अनुभव के आधार पर Corona Stage-3 के खिलाफ कैसे लड़ा जाए, उसका रोड मैप आपको देना चाहता हूं. जिससे इस महामारी से फैलते संक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके.’
फिलहाल 8 हफ्ते के लिए छोड़े जाएंगे बंदी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों को एक अहम निर्देश दिया था कि सात साल से कम की सज़ा पाए या सात साल से कम की सज़ा के आरोपों में जेल में बंद अंडर ट्रायल (Under Trial) कैदी (Prisoner) व 65 साल से ऊपर की उम्र के कैदियों को नियमों व शर्तों के दायरे में रहते हुए छोड़ दिया जाए. निर्देश के मुताबिक सभी राज्य सरकारों को एक उच्च शक्ति समिति का गठन करने को कहा गया था जो यह निर्धारित करेगी कि किन कैदियों/अपराधियों को इन हालातों में सशर्त जमानत (Conditional bail) दी जा सकती है.
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First published: March 30, 2020, 9:14 AM IST