
कोरोना वायरस से इंदौर को बचाने के लिए कलेक्टर ने दिया ये आदेश .
मध्य प्रदेश के इंदौर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है. जबकि कलेक्टर मनीष सिंह ने लोगों को कुछ दिन तक हरी सब्जियों के बजाए दाल-चावल और आलू-प्याज खाकर काम चलाने की सलाह दी है.
कलेक्टर ने की ये अपील
कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान मीडिया कर्मियों से भी अपील की जा रही है कि वो बहुत ज्यादा शहर में ना घूमें, जहां आवश्यकता हो केवल वहीं जाए. लोग सुरक्षित रहें यही हमारी कामना है. लोग घरों में आलू-प्याज रखें और हरी सब्जियों के लिए ज्यादा ना भटकें, क्योंकि हरी सब्जियों से भी वायरस आपके घरों तक आ सकता है. थोड़े समय की तकलीफ जरूर है लेकिन उसे अपने स्वास्थ्य के लिए संयम रखने की आवश्यकता है. केवल 14-15 दिनों का संयम रखने की आवश्यकता है.
कमिश्नर और आईजी कर रहे दौरेसंभागायुक्त आकश त्रिपाठी और आईजी विवेक शर्मा भी शहर का दौरा कर रहे हैं. वे कोरोना संक्रमित रानीपुरा भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.कोरोना वायरस से संक्रमित जो भी क्षेत्र इंदौर में हैं उसे प्रशासन ने पूरी तरह से टेकओवर कर लिया है. यहां आने और जाने की मंजूरी किसी को भी नहीं है. सारे सामानों के साथ दवाइयों का वितरण भी प्रशासन करेगा. जबकि कुछ अस्पताल भी चिन्हित किए जा रहे हैं, जहां मरीजों का उपचार चलेगा. यही नहीं, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे उनका विशेष अस्पतालों में इलाज होगा.

कमिश्नर और आईजी कर रहे हैं लगातार दौरे.
शहर में भोजन के पैकेट नहीं बाटेंगी स्वयंसेवी संस्थाएं
लॉकडाउन के दौरान शहर की कई स्वंयसेवी संस्थाएं भोजन के पैकेट वितरित कर रही थी जिसके चलते भीड़ एकत्र हो जाती थी. इस व्यवस्था पर अंकुश लगाने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त कदम उठाते हुए साफ कह दिया है कि अब शहर में कोई भी स्वयंसेवी संस्था भोजन नहीं बांटेगी. प्रशासन अलग से 10 से 15 हजार भोजन के तैयार करा रहा है. कलेक्टर का कहना है कि कई स्वयंसेवी संस्थाएं द्वारा खाना बंटवाने के कारण पूरे शहर में भीड़ इकट्ठा हो रही है. इसे रोकने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम और सभी टीआई को आदेश दिया गया है कि वे इस पर नजर रखें.
ठेकेदार और प्रोजेक्ट मालिकों को करना होगी मजदूरों की व्यवस्था
कलेक्टर ने होस्टल के संचालकों से कहा है कि जिन होस्टल में बच्चे हैं, उनके खाने पीने से लेकर पूरा ध्यान रखा जाए. यदि किसी हॉस्टल में बच्चों को परेशानी होती है तो होस्टल संचालक जिम्मेदार होगा. ऐसी ही व्यवस्था ठेकेदारों या मालिक को मजदूरों के लिए करना होगी.
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First published: March 29, 2020, 5:16 PM IST