मध्य प्रदेश सरकार एक अप्रैल से इस योजना की शुरूआत कर रही है.
योजना के तहत, अब जिन गरीब और बेसहारा लोगों के पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं है, उन्हें भी मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) की तरफ से राशन उपलब्ध कराया जाएगा.
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ऐसे गरीबों को भी सरकार राशन (Ration) उपलब्ध कराएगी, जिनके पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं है. इस योजना के आने के बाद, सूबे के बेहद गरीब, फुटपाथ पर जीवन व्यतीत करने वाले लोग या बेसहारा जिंदगी जीने वाले गरीब लोगों को भूखे पेट रहने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना में उन गरीब परिवारों को शामिल किया जा रहा है, जिनके पास न ही राशन कार्ड है और न ही अंत्योदय जैसा कोई दूसरा कार्ड है.योजना के तहत, पात्रता रखने वाले परिवारों को एक अप्रैल से 16 किलो गेहूं, 4 किलो चावल नि:शुल्क राशन की दुकानों में उपलब्ध होगा. यहां पर सुबह सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे के बीच राशन लिया जा सकेगा. सरकार ने सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी को गरीब परिवारों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी है. ये अधिकारी ऐसे परिवारों का चिन्हित करेंगे, जिनके पास न तो राशन कार्ड है और न ही पात्रता पर्ची है. ऐसे गरीब और बेसहारा लोग जो फुटपाथ पर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उनकी सूची इन अधिकारियों को तैयार करनी है.वहीं राशन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर जिला खाद्य कार्यालय के सहायक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को दी गई है. प्रमाणीकरण करने के बाद तहसीलदार की तरह से गरीब और बेसहारा लोगों की सूची तहसीलदार सहायक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को सौंपेंगे. जिसके आधार पर राशन का वितरण किया जाएगा. इसके अलावा, सहायक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को राशन वितरण व्यवस्था पर कड़ी निगरानी की जिम्मेदारी भी दी गई है. उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि किसी भी स्थिति में जिस परिवार को बीपीएल राशन कार्ड तथा पात्रता पर्ची जारी है और मार्च-अप्रैल मई का राशन मिल गया है, उन्हें राशन नहीं दिया जाए.यह भी पढ़ें: COVID-19: अपने रिश्तेदार के घर मिला अस्पताल से भागा कोरोना पॉजिटिव मरीज
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First published: March 29, 2020, 11:55 PM IST