घर-परिसर में दूरसंचार टावर लगवाने का झांसा देने वालों से सावधान
सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ डंडिया (COAI) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि दूसरसंचार विनियामक ट्राई (TRAI) को कुछ समय से ऐसी धोखाधड़ी की काफी शिकायतें मिली हैं जिसमें धोखेबाज लोगों से उनके परिसर में दूरसंचार टावर लगवाने की अनुमति दिलवाने और लगवाने के नाम पर मोटी रकम लेकर गायब हो जाते हैं.
सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा, कुछ समय से ट्राई को बहुत सी जगहों से शिकायतें मिली हैं. धोखेबाज व्यक्ति आम लोगों को उनके परिसर में टावर लगवाने और अच्छा किराया कमाने का लालच देते हैं. धोखेबाज दावा करते हैं कि वे इस काम के लिए ट्राई, दूरसंचार विभाग या किसी दूरसंचार कंपनी से अधिकृत हैं. उन्होंने कहा कि धोखेबाज इस संबंध में कोई जाली कागज दिखा कर लोगों में विश्वास पैदा कर लेते हैं और धन लेकर गायब हो जाते हैं और पकड़ में भी नहीं आते. उन्होंने कहा कि यह रकम छोटी मोटी नहीं बल्कि हजारों में होती है. कंपनियां टावर की जगह के पट्टे के लिए अच्छा खास किराया देती हैं और लोग उसके चक्कर में धोखेबाजों को अच्छी खासी रकम दे बैठते हैं.
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मैथ्यूज ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां नेटवर्क की जरूरत के हिसाब से किसी इलाके में टावर लगावाने के लिए सरकारी एजेंसियों और स्थानीय निकायों से अनुमति लेती है. कंपनियां खुद टावर स्थापति करती हैं या भारतीय इन्फ्राटेल (Bharti Infratel), इंडस टावर (Indus Tower) या अमेरिकन टावर कंपनी (ATC) जैसी बड़ी टावर कंपनियों के साथ अनुबंध करती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी शहरी इलाकों में ज्यादा है जहां आबादी ज्यादा होती है और लोग एक दूसरे को कम पहचानते हैं. उन्होंने कहा , हम सभी हितधारकों के साथ मिल कर इस खतरे के प्रति लागों का जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं.मैथ्यूज ने कहा इस तरह की धोखाधड़ी से दूसरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर सीओएआई को जनता के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाओं से चिंता होती है. उन्होंने कहा कि सीओएआई लोगों को सावधान करना चाहता है. वे ऐसे प्रस्तावों की वस्तविकता के बारे में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, दूरसंचार विभाग कंपनियों और स्थानीय अधिकारियों से पूछताछ कर सकते हैं. ट्राई ने भी लोगों को सावधान किया है कि धोखेबाज कंपनियां/व्यक्ति अखबारों में विज्ञापन निकालते हैं या लोगों से सीधे सम्पर्क कर के आकर्षक किराए की पेशकश करते हैं. वे फर्जी दस्तावेज दिखा कर इच्छुक व्यक्ति से पैसे की मांग करते हैं अपने खाते में पैसा हस्तांतरित करवाकर गायब हो जाते हैं. एक रपट के मुताबिक देश में इस समय करीब छह लाख दूसरसंचार टावर हैं.
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First published: March 29, 2020, 3:16 PM IST