मुख्यमंत्री ने कोरोना से पीडि़त मरीजों का निशुल्क इलाज कराने की बात कही है. (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सूबे के तमाम आलाअधिकारियों से संवाद किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे.
भोपाल: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सूबे के तमाम आलाअधिकारियों से संवाद किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे. इसी दौरान, मुख्यमंत्री ने सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दो माह का एडवांस भुगतान करने की बात कही है. साथ ही, मजदूरों को प्रति मजदूर 1000 रुपए की सहायता देने का ऐलान भी किया है. जनजातियों परिवारों के खातों में दो माह की एडवांस राशि देने की बात भी कही गई है. मुख्यमंत्री के बताया कि मध्यान्ह भोजन के लिये 65 लाख 91 हजार और विद्यार्थियों के खाते में 156 करोड़ की राशि दी गई है.46 लाख पेंशनर्स को फायदाशिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश के 46 लाख पेंशनर्स को 600 रु. प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत रुपए 275 करोड़ प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है. सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धा अवस्था पेंशन निराश्रित पेंशन इत्यादि का दो माह का एडवांस भुगतान किया जायेगा. संनिर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत मजदूरों को लगभग 8.25 लाख रूपये की सहायता प्रति मजदूर 1000 रुपए के हिसाब से उपलब्ध करायी जायेगी. इसी प्रकार 2.20 लाख राशि सहरिया, बैगा, भारिया जनजातियों के परिवारों के खातों में दो माह की एडवांस राशि दो हजार रुपए भेजी जाएगी.कोरोना पॉजिटिव को निशुल्क इलाजमुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर शासकीय हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क इलाज किया जायेगा. साथ ही, चिन्हित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट हॉस्पिटल में भी नि:शुल्क इलाज सभी वर्गों के लिए उपलब्ध रहेगा. प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान भारत में निर्धारित दरों के हिसाब से भुगतान किया जायेगा. ग्राम पंचायतों में पंच-परमेश्वर योजना की प्रशासनिक मद में राशि उपलब्ध है. इस राशि को कोरोना के नियंत्रण तथा लॉकडाउन के चलते आश्रय और भोजन के लिए परेशान लोगों की मदद के लिए किया जाएगा.65 लाख 91 हजार विद्यार्थियों को फायदा
मुख्यमंत्री के अनुसार, स्कूल बंद होने से मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. अप्रैल 2020 तक का खाद्यान्न रिलीज किया जा चुका है. इसे अब पीडीएस अन्तर्गत राशन दुकानों को उपलब्ध कराया जायेगा. इसके फलस्वरूप कुल 65 लाख 91 हजार विद्यार्थियों के खाते में मध्यान्ह भोजन की 156 करोड़ 15 लाख रूपए की राशि का वितरण किया जायेगा. प्राथमिक पाठशालाओं के 60.81 लाख विद्यार्थियों को 155 रु. प्रति विद्यार्थी की दर से 94.25 करोड़ रुपये और माध्यमिक शाला के 26.68 लाख विद्यार्थियों को 232 रु. प्रति विद्यार्थी की दर से 61.90 करोड़ दिये जायेगे.मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी यह भी निर्देश
मेले आदि का आयोजन भी अगले 21 दिनों तक पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों का सभी जगह गंभीरता से पालन कराने के निर्देश दिये हैं.सामुदायिक निगरानी को बढ़ाया जाये, जिससे बुखार सर्दी खांसी के मरीजों के बारे में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना मिल सके.जिन मरीजों को सामान्य सर्दी खांसी और बुखार हो, उन्हें जांच के बाद समाधान होने पर घर में ही दवा पहुंचाने के प्रयास करें. कलेक्टर इस कार्य के लिये मोहल्ले या वार्ड की स्वयंसेवी और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी आगे मदद के लिये प्रेरित करें.कॉल सेंटर को 24 घंटे सक्रिय रखा जाये. कॉल सेंटर से सूचना प्राप्त होने पर घर पर दवाई पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हो सकते है, जिन्हें लॉकडाउन के कारण भोजन की व्यवस्था करने में कठिनाई आ रही हो, ऐसी स्थिति में स्वयं सेवी संस्थाओं आदि को प्रेरित कर भोजन के पैकेट बनवाये जाये एवं वितरण की व्यवस्था की जाये, ताकि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे.सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें. दवाई की दुकान, किराने की दुकान एवं फल सब्जियों की दुकानों के सामने नगर निगम एवं नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत के माध्यम से पेंट तथा चूने से निशान लगाये जाए, जिससे खरीदी करने वाले व्यक्ति आपस में सोशल डिस्टेंसिंग रख सके.ऐसी दुकान एवं संस्थाओं के खुले रहने का समय अधिक से अधिक हो ताकि किसी एक समय पर भीड़ लगने की संभावना कम हो.सुनिश्चित करें कि प्रदेश में माल परिवहन बिना बाधित हुए चलता रहें ताकि वस्तुओं की आपूर्ति में किसी प्रकार की कमी नहीं आवे. पैकेजिंग मटेरियल के परिवहन में भी बाधा नहीं आए. माल परिवहन से संबंधित वाहनों को चेक पांईट पर भी नहीं रोका जाये.सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि अत्यावश्यक वस्तु एवं दैनिक उपयोगी एवं मार्केट में दवाई की सामान्य कीमत पर मिल सके. अधिक कीमतें वसूल करने की शिकायत प्राप्त होने पर कड़ी कार्यवाही की जाए.डॉक्टर, नर्स तथा आवश्यक कार्य करने वाले अमले को पर्याप्त सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधा मिल सके, यह सुनिश्चित करें.समस्त संभागीय आयुक्तों का यह दायित्व है कि वे अपने सभी जिलों में समन्वय रखें. यदि आपूर्ति तथा लॉजिस्टिक्स की कोई समस्या है तो तत्काल अवगत करायें.उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक सामग्री जैसे सब्जियाँ, किराना, दूध, फल आदि सामग्री निर्बाध रूप से उपलब्ध करायी जाये.सब्जी मंडियों में अनावश्यक भीड़-भाड़ ना हो. वहां से केवल रिटेल व्यापारी ही सब्जियां खरीदें उपभोक्ता नहीं. अगर संभव हो तो उन्हें फैला दें.होम डिलेवरी, टेक होम एवं कोरियर सुविधाएं चालू रहेगी, जिससे कम से कम लोग अपने घरों से बाहर आये. • प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम्स को भी कोरोना के विरूद्ध लड़ाई के अभियान में जोड़ा जाये.विदेश से आने वाले एवं अन्य राज्यों से यात्रा कर आये नागरिकों/यात्रियों की शत प्रतिशत पहचान एवं स्क्रीनिंग की जाये.मेडिकल मोबाइल यूनिट, रैपिड रिस्पांस टीम को पूरी तरह तैयार एवं सक्रिया रखा जाये.पेयजल एवं बिजली की आपूर्ति अबाधित रखी जाए. आइसोलेशन वार्ड एवं आइसोलेशन सेंटर की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.जिला कलेक्टरों को कोरोना की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की पूरी छूट होगी. वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार तत्काल उचित निर्णय लें. राज्य सरकार उन्हें हर प्रकार की सहायता उपलब्ध करायेगी.
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First published: March 25, 2020, 11:36 PM IST