ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
यह मामला जमीन की खरीद फरोख्त का था, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा था.
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के खिलाफ चल रहे जमीन दस्तावेज मामले में उन्हें बड़ी राहत मिली है. जानकारी के अनुसार ग्वालियर EOW को जांच में कोई भी सबूत नहीं मिले हैं. जिसके चलते 18 मार्च को केस क्लोज़ कर दिया गया है.दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ते ही उनकी चारों तरफ से घेराबंदी शुरू कर दी गई. उनके खिलाफ EOW ने जांच शुरू कर दी. यह मामला जमीन की खरीद फरोख्त का था, जिसमें ज्योतिरादित्य पर 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा. बता दें कि ग्वालियर के वकील सुरेंद्र श्रीवास्तव ने एक आवेदन लगाकर कार्रवाई की मांग की थी. इसी शिकायती आवेदन पर EOW ने जांच शुरू कर दी. जिसमें कोई सबूत ना मिलने की वजह से केस को बंद कर दिया गया है.क्या थी शिकायत26 मार्च 2014 को EOW में एक शिकायती आवेदन दिया गया था. आरोप थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार ने 2009 में महलगांव, ग्वालियर की जमीन (सर्वेक्रमांक 916) खरीदकर रजिस्ट्री में काट-छांटकर आवेदक की 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी. साथ ही सिंधिया देवस्थान के चेयरमैन और ट्रस्टियों ने महलगांव, जिला ग्वालियर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1217 बेचने के लिए प्रशासन के सहयोग से फर्जी दस्तावेज तैयार किए. इस संबंध में एक शिकायती आवेदन 23 अगस्त 2014 को EOW में दिया गया था. दोनों शिकायतों को जांच के बाद नस्तीबद्ध किया गया था. इसी,से असंतुष्ट होकर श्रीवास्तव ने फिर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया था.ये भी पढ़ें-इंदौर सहित मालवा के 6 जिले 25 मार्च तक लॉकडाउन, इमरजेंसी सेवाएं चालूMP में नई सरकार : शिवराज ने ऐसे पीछे छोड़ा दिग्गज दावेदारों को
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First published: March 24, 2020, 3:06 PM IST