
38 साल के उस शख्स को पेशेंट 1 के नाम से जाना जा रहा है
इटली (Italy) में कोरोना वायरस (coronavirus) से हुई मौतें (6,077) चीन (China) से लगभग दोगुनी हो चुकी हैं. इसके साथ ही उस ‘पहले शख्स’ की पहचान हो चुकी है, जिससे संक्रमण देशभर में फैला. माना जा रहा है कि उस अकेले शख्स से कोरोना का संक्रमण लगभग 200 लोगों तक फैला.
इटली के पीएम Giuseppe Conte ने कोरोना वायरस के लिए हुई एक प्रेस वार्ता में एक अस्पताल को कोरोना संक्रमण के लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि उस अस्पताल ने 2 बार पेशेंट 1 को वापस घर लौटा दिया था, जबकि बीमार शख्स बुखार होने पर खुद अस्पताल पहुंचा. पीएम ने कहा कि जब चीन की हालत पूरी दुनिया में खबर बन चुकी थी, तब अस्पताल प्रशासन को सचेत रहना चाहिए था और बुखार या सांस की तकलीफ लेकर आए उस मरीज को लौटाना नहीं चाहिए था.

संक्रमण उस शख्स से उसकी पत्नी में पहुंचा, जो गर्भवती है
प्रेस वार्ता के दौरान पीएम ने अस्पताल का नाम नहीं लिया और न ही उस शख्स का नाम जाहिर किया गया है. हालांकि उसे Mattia भी कहा जा रहा है, जो प्रचलित इटालियन नाम है. पेशेंट 1 अब भी मिलान के एक अस्पताल में गंभीर हालात में है. काफी मिलनसार रह चुके इस मरीज ने बीमारी के दौरान बहुत लोगों से मुलाकात की, स्पोर्ट में भाग लिया और दफ्तर के काम से भी आया-गया. सर्दी-बुखार की शिकायत लेकर 14 फरवरी को वो लोम्बार्डी के एक अस्पताल पहुंचा. वहां पर फ्लू बताते हुए पैरासिटामोल देकर उसे बिना किसी जांच घर भेज दिया गया. 2 दिनों बाद भी बुखार में फर्क न दिखने पर 16 फरवरी को वो दोबारा उसी अस्पताल पहुंचा लेकिन डॉक्टरों ने उसे दोबारा लौटा दिया. तीसरी बार 19 फरवरी को हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया. उसे सांस लेने में तकलीफ थी, बुखार था और गले में तेज दर्द था. तब जाकर जांच हुई, जिसमें उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया.इस दौरान संक्रमण उस शख्स से उसकी पत्नी में पहुंचा, जो गर्भवती है. मरीज का एक दोस्त जो उसके साथ सुबह दौड़ने जाया करता, वो भी पॉजिटिव हो चुका है. तीन बुजुर्ग जिनसे वो बार में लगभग रोजाना मिलता था, वे भी पॉजिटिव हैं. इनके अलावा अस्पताल के 8 लोग, जो भी इसके संपर्क में आए, सारे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. मरीज को लेकर अस्पताल ने इतनी लापरवाही दिखाई कि तीसरी बार जाने और भर्ती करने के बाद कोरोना संक्रमित दिखने के बाद भी उसे लगभग 36 घंटे तक आइसोलेशन में नहीं रखा गया. यही वो 36 घंटे थे, जिसमें डॉक्टर और दूसरे मरीजों के साथ अस्पताल आने वाले लोग एक के बाद एक संक्रमित होते गए.

काफी मिलनसार रह चुके इस मरीज ने बीमारी के दौरान बहुत लोगों से मुलाकात की
अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही पर खुद पीएम के बोलने के बाद World Health Organization के सदस्य Walter Ricciardi ने कहा कि दुनियाभर के इमरजेंसी विभागों में तैनात हर डॉक्टर को ये याद रखना चाहिए कि कोई भी मरीज इस खतरनाक वायरस का स्प्रेडर (वाहक) हो सकता है. इसलिए सांस या बुखार की शिकायत लेकर आए मरीजों को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है.
इटली की ही तरह दक्षिण कोरिया में भी एक मरीज को “super spreader” माना जा रहा है. इस महिला मरीज की पहचान गुप्त रखने के लिए उसे पेशेंट 31 नाम दिया गया है. ये मरीज एक चर्च से ताल्लुक रखती है और सरकार मान रही है कि इसी मरीज से चर्च आए बहुत से लोगों में कोरोना फैला. Seoul Metropolitan Government ने उस चर्च के खिलाफ हत्या की कोशिश की फॉर्मल शिकायत दर्ज की. सरकार के एक अनुमान के अनुसार उस महिला से लगभग 5 हजार लोगों में बीमारी फैली.
ये भी पढ़ें:
सामने आई कोरोना वायरस की सबसे बड़ी कमजोरी, इन 15 तरीकों से होगा बचाव
सबसे बड़ी बुजुर्ग आबादी वाले जापान का हाल क्यों इटली सरीखा नहीं हुआ
कोरोना के इलाज में ये है ट्रंप की पसंदीदा दवा, दुनियाभर में हो रही है लोकप्रिय
कोरोना वायरस से मरने वालों का नहीं हो पा रहा है अंतिम संस्कार, वेटिंग लिस्ट में हैं लाशें
News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए नॉलेज से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.
First published: March 24, 2020, 10:33 AM IST