
Amazon Prime Video
जानें कोरोना वायरस की वजह से अमेज़न प्राइम वीडियो में क्या बदलाव किए गए हैं…
दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने सरकार को पत्र लिखकर नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम वीडियो जैसे प्लैटफॉर्म को बिटरेट कम करने के निर्देश देने की मांग की थी. ताकि मौजूदा समय में ‘अहम कामों’ को जारी रखने के लिए नेटवर्क के बुनियादी ढांचे पर दबाव को कम किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि ज्यादा बिटरेट वीडियो के स्ट्रीमिंग से नेटवर्क पर दबाव बढ़ता है और ज्यादा मांग की स्थिति में नेटवर्क जाम होने का भी खतरा रहता है.
अमेज़न प्राइम वीडियो के प्रवक्ता ने एक ई-मेल बयान में कहा कि कोरोना वायरस के वजह से कई लोग पूरे समय घर में हैं. ऐसे में हम दूरसंचार कंपनियों का समर्थन करते हैं ताकि वह इंटरनेट की बढ़ी मांग का ठीक से प्रबंधन सुनिश्चित कर सकें.
उन्होंने कहा कि कंपनी ने भारत में अपने वीडियो स्ट्रीमिंग की बिटरेट कम करने का काम शुरू कर दिया है. प्रवक्ता ने कहा कि अमेज़न प्राइम वीडियो स्थानीय प्राधिकारियों, मोबाइल सेवा प्रदाताओं और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि इंटरनेट नेटवर्क जाम की किसी तरह की समस्या के समय मदद की जा सके.
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नेटफ्लिक्स ने नहीं दिया कोई जवाब
हालांकि नेटफ्लिक्स ने इस संबंध में भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया. जबकि नेटफ्लिक्स ने 21 मार्च को अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि यूरोपीय संघ के आग्रह पर उसने यूरोपीय संघ के नेटवर्क पर नेटफ्लिक्स के ट्रैफिक को 25 प्रतिशत तक कम करने का काम शुरू कर दिया है. इसे इटली और स्पेन में शुरू कर दिया गया है और धीरे-धीरे पूरे यूरोप और ब्रिटेन में भी लागू कर दिया जाएगा. लॉकडाउन के चलते ज़्यादातर कंपनियां घर से काम करने की नीति अपना रही हैं. ऐसे में इंटरनेट की मांग बढ़ी है.
(इनपुट-भाषा से)
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First published: March 24, 2020, 9:13 AM IST